एक नजर भाजपा के घोषणा पत्र पर

0
15

राजग सरकार, बढ़ता बिहार, से शुरुआत और बिहार की अस्मिता और विकास की प्रतिबद्धता का संकल्प पत्र बिहार विधान सभा चुनाव, भारतीय जनता पार्टी बिहार प्रदेश।

आत्मविश्वास के बढ़ते कदम….पांच साल बिहार खुशहाल का दावा और अपनी उपलब्धियों का वर्णन, जिसमें न्याय का अहसास, सुरक्षा का आश्वासन, विकास का विश्वास।

नवबंर 2005 में हुये बिहार विधान सभा चुनाव में भाजपा गठबंधन के निर्णायक जनादेश का दावा, बिहार और बिहारीपन के गौरव का भाव हर बिहारी में भरने और उन्हें बिहार की शक्ति तथा गौरवशाली विरासत का परिचय देने के लिए पूरे राज्य में बिहार दिवस के आयोजन का वर्णन। 2010 तक विकसित और बढ़िया बिहार बनाने के लक्ष्य के साथ नारा, काम किया है, काम करेंगे

हम बिहार का नाम करेंगे।

15 साल बनाम 5 साल की तुलना तथा 1990 -2005 तक 15 साल को विनाश का तथा 2005-2010, पांच साल को विकास का बताने का प्रयास। 15 साल यानि बदहाली की विरासत का दस्तावेज जिसके अंतर्गत उच्च न्यायालय की टिप्पणियां, लोकतंत्र और संविधान की उड़ाई धज्जियां, अपराधियों का वर्चस्व, राजनीतिक हत्याएं, सामूहिक जातीय नरसंहार, फर्जी मुठभेड़, घपले-घोटाले, शिक्षा के क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार और अवनति, कुशासन के 15 साल, व्यवसायियों का पलायन का भरपूर लेखा-जोखा।

साथ ही 5 साल यानि खुशहाली का सफर का दावा मसलन कई विभुतियों ने दिया विकास और बदलाव का प्रमाण जिसमें विभिन्न विभुतियों के बिहार के संदर्भ में कहे गये कथन का संकलन।

  • लोकतंत्र और संविधान को मिला सम्मान, कानून का राज्य स्थापित होने का दावा, अपराधियों को सजा, सामाजिक सदभाव एवं शांति, फर्जी मुठभेड़ का कोई मामला नहीं,  भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला, शिक्षा जगत में क्रांति, कोई घोटाला नहीं, लाखों शिक्षकों (प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च) की एक मुश्त नियुक्ति।
  • सुशासन के 5 साल, जिसमें व्यवसायियों का सम्मान एवं घर वापसी के साथ-साथ बिहार को देश में व्यवसायियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना संचालित करने वाला पहला राज्य होने का दावा।
  • सुरक्षा, पथ-निर्माण, बिजली, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा, उद्योग-व्यवसाय, स्वास्थ्य, शिक्षा, जनसंख्या स्थिरीकरण, गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण, युवा एवं  खेल-कूद, श्रम-संशाधन, सामाजिक न्याय, अगड़ी जाति आयोग का गठन, अल्पसंख्यक कल्याण के तहत तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीती के बजाय अल्पसंख्यक वर्गों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु उनके शैक्षणिक-आर्थिक उत्थान के लिए योजनाबद्ध प्रयास का दावा।
  • पर्यावरण, पर्यटन एवं तीर्थाटन, सामाजिक सुरक्षा, बाल विकास, अशक्तजन, पंचायती राज्य व्यवस्था, सूचना एवं प्रद्योगिकी, ग्रामीण विकास, शहरीकरण, पेयजल जिसमें बिहार से बहने वाली नदियों (सतही जलस्रोतों) से पेयजल की व्यवस्था का वादा।
  • लेखकों, पत्रकारों एवं कलाकारों के सम्मान के लिए भी संकल्प, जिसमें राज्य में लेखकों, पत्रकारों और कलाकारों को पुरस्कृत और सम्मानित करना। राज्य में कला विश्वविद्यालय की स्थापना और फिल्म उद्योग को प्रोत्साहन.
  • 1974 जेपी आंदोलन यानि दूसरी आजादी के सेनानियों का सम्मान करने का वादा। बिहार की अस्मिता, बिहार की पहचान को कायम करना।
  •  भाषा एवं संस्कृति, पशु धन संरक्षण एवं संवर्द्धन एवं आखिरी में विकास की दिशा में बड़ते बिहार को बढ़िया बिहार बनाकर देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने का संकल्प।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here