सांस्कृतिक संध्या “स्वंसिद्धा” में तीजनबाई और रत्ना बासु का जादू

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तेवरआनलाईन, पटना

पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की ओर से पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हौल में सांस्कृतिक संध्या ‘स्वयंसिद्धा‘  का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में संगीत क्षेत्र की ख्यातिप्राप्त पद्मश्री श्रीमती तीजनबाई तथा श्रीमती रत्ना बासु ने अपने सुर लहरियों से सभी का मन मोह लिया । समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक के.के.श्रीवास्तव,  अपर महाप्रबंधक आर.के. सिंह, पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा साधना श्रीवास्तव एवं सचिव  नीला तिवारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । इसके बाद मुख्य अतिथि  के.के. श्रीवास्तव द्वारा इस अवसर पर पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन द्वारा प्रकाशितक एक स्मारिका का विमोचन किया गया।

पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा  साधना श्रीवास्तव ने उपस्थित अतिथियों एवं रेलकर्मियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुये कहा कि पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन रेल कर्मचारियों के परिवार एवं समाज में कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करता है । ये संगठन आपदा के समय मुक्तहस्त से मदद करती है । उत्तर बिहार में आयी भयंकर बाढ़ एवं लद्दाख में प्राकृतिक आपदा के समय इस संगठन ने बढ़-चढ़कर मदद की। इस संगठन द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मौलिक बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुये पटना एवं हाजीपुर में  एक-एक प्राथमिक स्तरीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा के अतिरिक्त निःशुल्क पुस्तक, कापी, पेंसिल,पोशाक एवं सप्ताह में एक दिन दोपहर का नाश्ता भी प्रदान किया जाता है ।

इस अवसर पर पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की सचिव नीला तिवारी ने संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक के.के.श्रीवास्तव ने पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुये कहा कि हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी महिला का हाथ होता है पर भारतीय रेल एक ऐसी मिशाल है जिसके बारे में यह कहना अधिक उचित होगा कि एक सफल संगठन के पीछे महिलाओं का हाथ है । उन्होंने आगे कहा कि जब हमारे रेलकर्मी इस विशाल तंत्र के संचालन में व्यस्त रहते हैं तब महिला कल्याण संगठन रेलकर्मियों के परिवारों एवं समाज के अन्य वंचित वर्ग के कल्याणार्थ चुपचाप पूर्ण समर्पण से लगा रहता है । महाप्रबंधक महोदय ने कहा कि वयस्क शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा, रेलकर्मियों की सहायता, अस्पताल में आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने इत्यादि में इस संगठन का उल्लेखनीय योगदान है। मैं यह मंगल कामना करता हूँ कि महिला कल्याण संगठन उत्तरोत्तर बहुमुखी विकास करे एवं कल्याणाकारी कार्यों में और ज्यादा कामयाबी हासिल करें ।

इसके उपरांत सांस्कृतिक संध्या की प्रथम प्रस्तुति पद्मश्री  तीजनाबाई द्वारा पाण्डवाणी शैली में महाभारत कथा की कुरूक्षेत्र में श्रीकृष्ण अर्जुन तथा कर्ण के बीच हुये संवाद को भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया गया जिसे श्रोताओं ने बड़े चाव से सुना। इसके बाद बंगाल की  रत्ना बासु द्वारा गजल, ठुमरी एवं लोकगीत के एक-से-बढ़कर प्रस्तुति ने हाल में बैठे दर्शकों को मंत्रगुग्ध कर दिया ।

कार्यक्रम का संचालन श्रुती कुमार एवं कविता देवाश्री द्वारा किया गया, एवं धन्यवाद ज्ञापन  नलनी छावड़ा द्वारा किया गया। इस अवसर पर पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की सभी सदस्याएँ एवं पूर्व मध्य रेल के सभी उच्चाधिकारी एवं कर्मचारीगण परिवार के साथ उपस्थित थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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