अनशन कर छा गये प्रो. मटुकनाथ

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प्रो. मटुकनाथ चौधरी   अपने  पूर्व घोषित आमरण अनशन  के लिए निर्धारित समय 11 बजे से 2 घंटे पूर्व ही कारगिल चौक, गाँधी मैदान, पटना पहुंच गये। अनशन पर बैठने से पूर्व उन्होंने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया। राष्ट्रगान ने आम लोगों के बीच उनकी राष्ट्रीयता की भावना को समझा और सराहना की ।

सैकड़ों लोग अनशन स्थल पर उन्हें अपना अपना समर्थन देने पहुंचे। पटना से बाहर से भी गया, फतुहा, मोकामा, बाढ़, दरभंगा, छपरा आदि स्थलों से लोग आये।

उनको समर्थन देने छपरा से भारत प्रसिद्ध लोकगीत गायिका देवी आयीं। वे करीब डेढ़ घंटे तक अनशन स्थल पर बैठीं। उन्होंने कहा कि प्रो. मटुक नाथ चौधरी को जिन दो आधारों पर बर्खास्त किया गया है, वे हास्यास्पद हैं। पहला आधार है- प्राचार्य की अनुमति के बगैर बी. एन. कॉलेज, पटना में मीटिंग करना और दूसरा अपना घर रहते हुए भी विश्वविद्यालय का क्वार्टर आवंटित करवाना। भला ये भी कोई आरोप हैं ? जनता की ओर मुखातिब होकर उन्होंने पूछा- आपलोगों को इस पर हंसी आयी न ? उन्होंने यह भी कहा कि बर्खास्तगी होनी ही नहीं चाहिए थी, क्योंकि यह पूरी तरह अमानवीय है।

देवी के आते ही अनशन स्थल पर भीड़ उमड़ पड़ी। प्रशंसकों के आग्रह पर उन्होंने एक गीत भी सुनाया।

अवकाश प्राप्त चीफ इंजीनियर और भाजपा के तकनीकी सेल के प्रदेश अध्यक्ष श्री रामशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि भगवान राज्यपाल को सद्बुद्धि दें जिससे वे तत्काल न्यायसंगत फैसला दे सकें।

प्रो. मटुकनाथ चौधरी का यह कहना कि नौकरी से ज्यादा मूल्यवान मेरे लिए लोकतांत्रिक मूल्य है और मैं उसी के तहत वापसी चाहूंगा। जब तक फैसला नहीं हो जाता तब तक मैं डटा रहूँगा । उनके इन वाक्यों ने  वहाँ उपस्थित लोगों की सहानुभूति और बढ़ा दी और सभी ने उनकी इस भावना की कद्र की ।

उनकी हमकदम जूली ने कहा कि जब पटना विश्वविद्यालय के अन्य प्रोफेसरों की निलंबन-बर्खास्तगी आदि आनन फानन वापस हो गयी तो प्रो. मटुकनाथ चौधरी की क्यों नहीं ? एकमात्र उन्हें ही क्यों सजा दी जा रही है ?

पटना कॉलेज, बी. एन. कॉलेज आदि के अनेक छात्र आए। अनशन के आयोजन में केन्द्रीय भूमिका प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. प्रेम कुमार ने निभायी।

1 COMMENT

  1. छा नहीं पा गए लेख अच्छा है एसे सामाजिक मुद्दों पर aaj कल लोग कम ध्यान देते है धन्यवाद

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