मनोरंजन के साथ राष्ट्रीय एकता का संदेश भी देता है “कभी तो मिल के बोलो” : गीतांजलि मिश्रा

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नयी दिल्ली,  छोटे पर्दे की चर्चित व प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में एक नाम गीतंजलि मिश्रा का भी आता है, जो लंबे समय से टेलीविजन कर रही हैं। गीतांजलि मिश्रा अब तक “मायके से बंधी डोर”, “रणवीर रानो” , “जाये कहां” , सोनी महिवाल’’, माटी की बन्नो’’, “जय मां वेष्णो देवी’’, “क्राइम पेट्रोल’’ और “पुर्नःविवाह” जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में अभिनय कर चुकी हैं और इन दिनों
दूरदर्शन के प्राइम टाइम के चर्चित शो “कभी तो मिल के सब बोलो’’ में नायिका की मुख्य भूमिका निभा रही हैं। अभिनेता करन आनंद द्वारा निर्मित ग्रामीण
पृष्ठभूमि पर आधारित इस धारावाहिक में  गीतांजलि मिश्रा भारती की चैलेजिंग भूमिका को जीवंत कर रही हैं, जो दर्शकों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। हाल ही
में गीतांजलि  मिश्रा से  “तेवर आनलाइन” के लिए खास बातचीत की वरिष्ठ फिल्म-टीवी पत्रकार राजू बोहरा ने । प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंशः-
आपके इस धारावाहिक “कभी तो मिल के बोलो”  की इन दिनों काफी चर्चा है, यह किस तरह का शो है और इसमें आपकी क्या भूमिका है?

मेरा यह नया धारावाहिक बहुत ही दिलचस्प विषय पर बन रहा है जो गांव के बैकग्रांउड पर आधारित है। शो की थीम क्या है यह इसका टाइटल खुद ही बता देता है। “कभी तो मिल के सब बोलो”  का मतलब है कि हम जब तक एक साथ मिलकर नहीं बोलेंगे और मिलकर आवाज नहीं उठायेगे तब तक किसी भी समस्या से लड़ नहीं सकते। हम सब एक हैं और एकता में बहुत ताकत होती है। हमारा यह शो जहां एक ओर ग्रामीण
पंचायती राज व्यवस्था,  भष्ट्रचार और राजनीति जैसे गंभीर मुद्दों पर रोशनी डालता है वहीं राष्ट्रीय एकता का सामाजिक संदेश भी देता है। इसमें मैं भारती नामक एक ऐसी लडकी का किरदार निभा रही हूं जो एक मास्टर की बेटी है और गाँव के ऐसे गरीब बच्चों को पढ़ा लिखा कर शिक्षित कर रही है जो स्कूल में दाखिला नहीं ले पाते या भेदभाव करके उन्हें स्कूल में पढ़ने नहीं दिया जाता है। ऐसे गरीब बच्चों को भारती न सिर्फ शिक्षित कर रही है बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी बना रही है, जिसके चलते उसे गांव के मुखिया की दुश्मनी का सामना भी करना पड़ रहा है।

धारावाहिक “कभी तो मिल के सब बोलो”  में जैसी हालत गांव की दिखा रहे है क्या वाकई में आज भी गांव की हालात ऐसे  है?

मुझे लगता है कि जैसा इस शो में गांव की हालत दिखाई जा रही है वो बहुत कम है। गांवों के हालात इससे भी बदतर है। आज हमारी सरकार गांव और गांव वालों के विकास के लिये रात दिन काम कर रही है, करोड़ों रूपये गांव के विकास कार्य में लगा रही है, लेकिन गांव के कुछ स्वार्थी लोगों और राजनीतिज्ञों के चलते गरीब लोगों को सरकार की इन योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं मिलता है। इसके लिये सरकार नहीं बल्कि हम जिम्मेदार हैं जो सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि हम अपने अधिकारों के लिए पूरी तरह से शिक्षित नहीं, जगरूक नहीं है। इसलिये जगरूकता जरूरी है।

आप इस शो मे कई सीनियर कलाकारों के साथ लीड किरदार निभा रही है, कैसा अनुभव हो रहा है सीनियर अनुभवी कलाकारों के साथ काम करने का?

हां इस शो में वाकई मुझे काफी सीनियर कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है जिसमें साधना सिंह, राजेश विवेक, सुधीर दलवी जैसे बड़े कालकार शामिल हैं। इन सबसे काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। जूनियर कलाकार को हमेशा ही सीनियर कलाकार से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। मेरे लिए यह बेहद खुशी की बात है कि इतने बड़े कलाकरों के साथ मुझे लीड रोल निभाने का मौका मिला है।

धारावाहिक में आपके अपोजिट अभिनेता करन आंनद हैं जो इस शो के निर्माता भी हैं उनके साथ काम करना कैसा लग रहा है?

करन आनंद भी काफी सीनियर एक्टर हैं, टेलीविजन पर उन्होंने बतौर एक्टर काफी अच्छे शो में काम किया है, वह एक बेहतरीन एक्टर हैं । इसमें भी वो लीड रोल कर रहे हैं। उनके साथ काम करने का बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है क्योकि वो बेहद प्रोफेशनल है। मैं उम्मीद करती हूं कि हम आगे भी साथ में काम करगें। वाकई उन्होंने यह बेहतरीन सामाजिक शो बनाया है, उनकी पूरी टीम ही काफी प्रोफेशनल है।

इसमें आपके द्वारा अभिनीत भारती का किरदार दर्शकों को क्या मैसिज देता है?


भारती का किरदार भी एक गांव की लड़की का ही है लेकिन फर्क इतना है कि जो पढ़ी लिखी है और इस लिए वो अपने अधिकारों के प्रति जगरूक है और अपना हक लेना जानती है। साथ ही यह संदेश भी देती है कि हमारे पास वो ज्ञान शिक्षा का धन है वो हमें दूसरो को बांटना चाहिये, ज्ञान बांटने से घटता नहीं बल्कि बढ़ता है।
आपने अब तक काफी बड़े शो किये किस शो से ज्यादा पापुलैरिटी किस धारावाहिक से  मिली?

हां मैनें डीडी के “जायें कहां” “सोनी महिवात”, कलर्स का हेमा मालिनी प्रोडकशन का “माटी की बन्नो”  जीटीवी का “रणवीर रानो” , “पुनर्विवाह” , सोनी का  “क्राइम पेट्रोल”  जैसे लगभग हर चैनल के शो किये हैं लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मजा स्टार प्लस के शो “मायके से बंधी डोर”  और  क्राइम पेट्रोल  की कई लोकप्रिय सीरिज में काम करने में आया है और अब डीडी के इस शो  “कभी तो सब मिल के बोलो” में भारती की भूमिका निभाने में आ रहा है।

किस तरह की भूमिका आपको पसंद है और फिल्मों के बारे में क्या सोचती है?

मैं हर तरह की अच्छी भूमिकायें करने मे यकीन रखती हूं। जहां तक फिल्मों का सवाल है, फिल्मों में मेरी कोई खास रूचि नहीं है सिर्फ अच्छे टीवी शो करना चाहती हूं।

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लेखक पिछले 25 वर्षो से बतौर फ्रीलांसर फिल्म- टीवी पत्रकारिता कर रहे हैं और देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओ में इनके रिपोर्ट और आलेख निरंतर प्रकाशित हो रहे हैं,साथ ही देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रिकाओं के नियमित स्तंभकार रह चुके है,पत्रकारिता के अलावा ये बतौर प्रोड्यूसर दूरदर्शन के अलग-अलग चैनल्स और ऑल इंडिया रेडियो के लिए धारावाहिकों और डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण भी कर चुके। आपके द्वारा निर्मित एक कॉमेडी धारावाहिक ''इश्क मैं लुट गए यार'' दूरदर्शन के''डी डी उर्दू चैनल'' कई बार प्रसारित हो चुका है। संपर्क - journalistrajubohra@gmail.com मोबाइल -09350824380

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