फि़ल्म इण्डस्ट्री में प्रतिभा के आधार पर ही पहचान और सम्मान मिलता है – पारस जायसवाल

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[रिपोर्ट राजू बोहरा] नई दिल्ली,
पिछले दिनों एक रंगा-रंगा प्रोग्राम के दौरान कुछ दूसरी फि़ल्मी हस्तियों के साथ मशहूर लेखक पारस जायसवाल को भी सम्मानित किया गया । उसी अवसर पर हमारी मुलाक़ात पारस जायसवाल से हुई । पारस जायसवाल ने अब तक पच्चहत्तर से ज़्यादा प्रोजेक्ट लिखे हैं , जिनमें बारह फि़ल्में हैं और टीवी धारावाहिक हैं । धारावाहिक लेखन में एक बड़ा नाम बन चुके पारस जायसवाल ने सिर्फ़ दूरदर्शन पर ही अब तक पैंतालीस से ज़्यादा सीरियल लिखे हैं । अभी भी दूरदर्शन पर उनके लिखे धारावाहिक ”जि़न्दगी एक भँवर“ जिसका प्रसारण दूरदर्शन पर शाम को 7.00 बजे होता है ।
दूरदर्शन पर साढ़े नौ बजे प्रसारित होने वाला प्रोग्राम ”दर्द का रिस्ता “ के लेखक भी पारस जायसवाल ही हैं । उसके अलावा दोपहर को डेढ़ बजे ”उम्मीद नई सुबह की“ का प्रसारण हो रहा है । ये सारे धारावाहिक दर्शको के बीच काफ़ी पॉपुलर है और एक नया धारावाहिक ”बेटी का फर्ज“ जो 24 अगस्त रात 10 बजे शुरू हो रहा है । ये धारावाहिक भी उन्हीं की कल्पना और लेखनी से निकला है । पारस जायसवाल चैनल और दर्शको की पसंद को भली-भांति समझते हैं । हमने उनसे मुलाक़ात की और पूछा कि उनकी शोहरत का राज़ क्या है ? तो पारस जायसवाल का कहना था कि फि़ल्म इण्डस्ट्री में प्रतिभा के आधार पर ही पहचान और सम्मान मिलता है । आपके अंदर प्रतिभा होनी चाहिए और साथ ही काम के प्रति लगन ।
कहानी का विषय चाहे जो भी हो वह उसकी ग़हराई में उतर कर उसे लिखते हैं और यही उनके सफलता की सीढ़ी है जिस पर निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं । पारस जायसवाल ने बताया कि उन्होंने हर तरह के सीरियल लिखे हैं और सारे मशहूर रहे हैं । जिसमें काॅमेडी भी है, थ्रीलर भी है, सायन्स फिक्शन भी है, मैथोलाॅजी और हिस्टरोलिकल सीरियल भी हैं । हर तरह के विषय पर उन्होंने कलम चलाई है और उस विषय के साथ न्याय किया है । पारस जायसवाल कहते हैं कि जब सेट पर उनकी लेखनी को लेकर चर्चे होते हैं, तारीफ़े की जाती हैं तो उसे वो उसे ईश्वर की बहुत बड़ी देन मानते है।
उनके लिखे कुछ चुनिंदा सीरियल हैं …मंगलसूत्र”, ”शमा”, ”मुआवजा”, ”ऐ दिल-ए-नादान”,”नर्गिस”, ”कसक”, कश्मकश”, ”कुल की ज्योती कन्या”, ”इम्तिहान”, ”एहसास कहानी एक घर की”, ”हम तुमको ना भूल पायेंगे”, ”सपने साजन के”, ”अर्धांगिनी”, ”सुराग”, ”सबूत”, ”डिटेक्टिव करन”, ”राज द थ्रीलर”, ”वो कौन”,”मुज़रिम कौन”, ”ख़ौफ़” आदि। हमने पारस जायसवाल से पूछा कि भविश्य की क्या प्लानिंग है ? तो उन्होंने बताया कि उनकी तीन फि़ल्में फ्लोर पर हैं … ”लव की ऐसी की तैसी, इश्क़ सूफि़याना”, ”वकीलों की दुकान”..और कुछ फि़ल्मों पर वो काम भी कर रहे हैं जो आने वाले समय में सामने आयेंगे ।

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लेखक पिछले 25 वर्षो से बतौर फ्रीलांसर फिल्म- टीवी पत्रकारिता कर रहे हैं और देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओ में इनके रिपोर्ट और आलेख निरंतर प्रकाशित हो रहे हैं,साथ ही देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रिकाओं के नियमित स्तंभकार रह चुके है,पत्रकारिता के अलावा ये बतौर प्रोड्यूसर दूरदर्शन के अलग-अलग चैनल्स और ऑल इंडिया रेडियो के लिए धारावाहिकों और डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण भी कर चुके। आपके द्वारा निर्मित एक कॉमेडी धारावाहिक ''इश्क मैं लुट गए यार'' दूरदर्शन के''डी डी उर्दू चैनल'' कई बार प्रसारित हो चुका है। संपर्क - journalistrajubohra@gmail.com मोबाइल -09350824380

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