कोरोनाकाल में लोगों को सरकार ने दी पूरी राहत : मंगल पांडेय

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बिहार में फिर जंगलराज लाना चाहता है विपक्ष

पटना। कांग्रेस और राजद का महागठबंधन एक बार फिर बिहार को जंगलराज की ओर ले जाना चाहता है। लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए। यह कहना है बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का। आज वे बिहार जनसंवाद कार्यक्रम के तहत अररिया जिला के फारबिसगंज विधानसभा के भाजपा कार्यकत्र्ता की एक वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2005 के पहले बिहार की स्थिति भयवाह थी। हाई कोर्ट ने उस समय के शासन को जंगलराज के रूप में टिप्पणी की थी। विकास की स्थिति न के बराबर थी। उसके बाद एनडीए की सरकार ने सूबे की जनता के सहयोग से विकास की गति को न केवल पटरी पर लाया बल्कि उसे तेज किया।

आंकड़ों के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को बताया कि 1990 से 2005 तक बिहार का विकास दर जहां 3.19 फीसदी था, वहीं आज यह बढ़कर 11.3 फीसदी हो गया है। इसी तरह बजट का आकार भी बढ़ा है। उस दौर में 23.855 करोड़ का बजट होता था बिहार का। जो डबल इंजन की सरकार में 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ का हो गया। पक्की सड़कें उस जंगलराज में मात्र 34 फीसदी थी, जो एनडीए की सरकार में 96 फीसदी तक पहुंच गयी। बिहार के करीब-करीब हर गांव सड़क से जुड़ गयी है। इसी तरह वत्र्तमान सरकार में प्रति व्यक्ति आय दर 0.12 फीसदी से बढ़कर 4.08 फीसदी हो गयी है।

विपक्ष पर लोगों को दिग्भ्रमित करने का सीधा आरोप करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने विकास की जो धारा बहायी है विपक्ष उससे घबरा गया है और अनाप-शनाप तथा झूठा प्रचार कर रहा है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे लोगों को सच्चाई से अवगत करायें। उन्होंने कहा कि विपक्ष आरक्षण के मामले पर झूठा प्रचार करके दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और इससे जुड़े लोगों के बीच भ्रम फैला रहा है। जबकि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, भाजपा अध्यक्ष समेत बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संविधान में प्रदत्त आरक्षण का लाभ यथावत रहेगा। इसमें लेशमात्र भी बदलाव नहीं हो सकता है। फिर भी बेतूकी बातों का भ्रम फैला रहा है विपक्ष।
स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना जैसी आपदा की चर्चा करते हुए प्रतिपक्ष के नेता पर सीधा आरोप करते हुए कहा कि उन्हें इस आपदा के समय लोगों की पीड़ा की कोई चिंता नहीं है। वे कठिन दौर से जूझ रहे बिहार के लोगों से दूर रहे। डेढ़ माह तक बिहार कराह रहा था और प्रतिपक्ष के नेता दूसरी जगह मौज उड़ा रहे थे। इस संकट के समय भी लोगों के साथ खड़े रहने के बजाय राजनीति कर रहे हैं झूठ फैलाकर। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में आज तक डबल इंजन की सरकार गरीबों को मदद देने और पीड़ितों को संकट से उबारने की दिशा में पूरी तरह अग्रसर है और ज्याद से ज्यादा राहत देने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने लोगों को जानकारी दी कि बिहार के 1.41 करोड़ राशनकार्ड धारकों धाराकों के खाते में 1141 करोड़, जीविका द्वारा सर्वेक्षित लाभार्थी खाते में 210 करोड़, 84.76 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों के खाते में 1.017 करोड़, 1.8 करोड़ छात्रों के छात्रवृति के रूप में 3261 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी है डबल इंजन की सरकार ने। कोरोना से निपटने में सरकार ने विभिन्न मदों में 1640 करोड़ रुपये खर्च की है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना जैसे संकट में अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति अच्छी है। जबकि देश में जनसंख्या के मामले में बिहार तीसरा स्थान पर है। बिहार में आज रोज 8-9 हजार जांच हो रही है और इसकी संख्या और बढ़ेगी। हर जिले में कोरोना के जांच की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी निर्णय के कारण भारत गंभीर संकट से बच गया इस महामारी में। डबल इंजन की सरकार के कारण ही बिहार में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या करीब 78 फीसदी हो गयी है। उन्होंने कार्यकर्ता से आह्वान किया कि वे लोगों को सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत करायें, ताकि विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश हो सके।