सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में हो सुशांत सिंह राजपुत की मौत की जांच : डॉ. अरुण कुमार

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पटना। फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपुत के कातिलों को उनके मुकाम तक पहुंचाने और मुंबई फिल्म नगरी में गिरोहबाजों की गुंडागर्दी को बेनकाब करने के साथ-साथ बिहार में सुशांत सिंह राजपुत के नाम 100 एकड़ में फिल्म सिटी के निर्माण की मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं भारतीय सबलोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अरुण कुमार ने केंद्र सरकार को सुशांत सिंह राजपुत के मौत की सीबीआई जांच करने की स्वीकृति देने के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध किया है कि सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में हो क्योंकि इस जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है।

पटना स्थिति भारतीय सबलोग पार्टी के दफ्तर में संवाददाताओं से मुखाबित होते हुये डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि जिस दिन सुशांत सिंह राजपुत की मौत खबरे आई थी उसी दिन से मैं कह रहा हूं उन्होंने आत्महत्या नहीं की है बल्कि यह हत्या है। उसी दिन से भारतीय सबलोग पार्टी सुशांत सिंह राजपुत की मौत पर पर्दा उठाने और उनके परिजनों को इंसाफ दिलाने की की लड़ाई लड़ रही है।

उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार को बधाई देना चाहते हैं कि कि सुशांत सिंह राजपुत की हत्या मामले को सीबीआई को सौंपने का काम किया है। लेकिन एक अर्ज करना चाहते हैं कि इसकी मानेटरिंग सुप्रीम कोर्ट के जज से कराई जाने जाहिए। ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि मुझे आशंका का है कि इस जांच को प्रभावित करने के लिए बड़ी बड़ी शक्तियां बैठी हुई है। जिस दिन उनकी मौत की खबर आयी थी उसी दिन कहा था कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है।

उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में इस तरह की हत्याएं होते रहती है। वह एक उदयीमान कलाकार थे। मैं भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ा हुआ था। जब हमने इस लड़ाई की शुरुआत की है तो हम चाहते हैं कि इसका निष्कर्ष निकले। जिया खान की हत्या इसी तरह से की गयी थी। दो घंटा पहले वह लंदन में अपने बहन से बात की थी। उसकी मां बाजार गयी थी। इस तरह की हत्याएं वहां होते रहती है।

उन्होंने कहा कि लेकिन अब यह विषय सिर्फ  सुशांत सिंह राजपुत की मौत से ही नहीं जुड़ा हुआ है। देश में कला और संस्कृति का एक केंद्र पर एक गिरोह काबिज है। इस गिरोह में आदित्य पंचोली का बेटा सुरज पंचोली, करण जौहर, महेश भट्ट, सलमान खान का भाई अरबाज खान और आदित्य ठाकरे जैसे प्रभावशाली लोग शामिल हैं। इनकी ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां के सामना अखबार में दूसरे दिन ही संपादकीय में लिखा गया कि लोग कोहराम क्यों मचा रहे हैं। ऐसी आत्महत्याएं तो होते रहती है। जब सामाना यह लिख रहा है इसका मतलब वह बता रहा है कि इस केस में हाथ मत डालो। सुशांत की सेक्रेटरी की हत्या हुई है। रिया चक्रवर्ती और उसका भाई भी शामिल हैं। सभी गैंग आपस में इंटरकनेक्टेट है। यही कारण है कि बिहार सरकार केस को रजिस्टर्ड नहीं कर रही थी।

उन्होंने कहा वकील विकास ने सरकार के विद्वान मंत्र संजय झा को 45 मिनट तक समझाया, एफआईआर के लिए मोटिवेट किया। तब संजय झा ने बुद्ध की तरह सुशासन बाबू को ज्ञान दिया। 35 दिन बीतने के बात बिहार सरकार को लगा कि एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए। इसके पहले सुशांत सिंह के पिता जी राजीव नगर थाने का चक्कर लगाते रहे।

उन्होंने कहा कि जांच कैसे चल रहा है, देख ही रहे हैं। मुंबई पुलिस मामले को दबाना चाह रही है। केंद्र सरकार को चाहिए कि इस तरह की गुंडगर्दी न होने दे। संघीय व्यवस्था में यह सब नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की स्वीकृति देने के लिए वह केंद्र सरकार को बधाई देते हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखूंगा कि इस केस की मानिटरिंग करें। यह बिहार के 14 करोड़ लोगों के स्वाभिमान का मामला है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जब इस तरह के कांडो के लिए अवरोधक शक्तियां पैदा हो जाये तो कहा जाएगा कि गर्वनेस नहीं है। नारायण राणे ने भी कहा है कि ठाकरे परिवार और महाराष्ट्र की सरकार गुंडो को संरक्षण दे रही है। डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि सुशांत सिंह राजपुत के नाम पर बिहार में 100 एकड़ में फिल्म सिटी बनाया जाएगा। इसके लिए 15 एकड़ जमीन सुल्तानगंज में उपलब्ध करा दिया गया है।