पहला पन्ना

अरुणदेव गौतम छत्तीसगढ़ के नए DGP, अशोक जुनेजा की जगह लेंगे

राजेंद्र तिवारी,रायपुर।

छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस अधिकारी अरुणदेव गौतम को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। वह अशोक जुनेजा की जगह लेंगे, जिनका छह महीने का सेवा विस्तार समाप्त हो रहा है। अरुणदेव गौतम जल्द ही छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान संभालेंगे।
अरुणदेव गौतम ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे भोपाल में एडिशनल एसपी, राजगढ़ के एसपी और छत्तीसगढ़ में छह जिलों के एसपी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने दो रेंजों के आईजी और गृह सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। गृह सचिव के तौर पर मंत्रालय की कार्यप्रणाली को समझने का अनुभव उन्हें प्रशासन और पुलिसिंग में कुशल नेतृत्व प्रदान करने में मदद करेगा।

गौतम को सरल और सहज अधिकारी के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी पुलिसिंग शैली सख्त और प्रभावी रही है। बिलासपुर में सीएसपी रहते हुए, उन्होंने खुद गश्त कर शहर के चौक-चौराहों और थानों का निरीक्षण किया, जिससे उनकी कार्यशैली को जनता और पुलिस विभाग ने काफी सराहा।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव में जन्मे अरुणदेव गौतम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए और राजनीति शास्त्र में एमए किया। यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में दाखिला लिया और अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल की डिग्री हासिल की। पहली बार असफलता के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार आईपीएस अधिकारी के रूप में चयनित हुए।
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी के रूप में उन्होंने बिलासपुर, कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव और सरगुजा जिलों में एसपी के रूप में कार्य किया। बस्तर रेंज के आईजी रहते हुए झीरम नक्सली हमले के बाद चुनावी प्रक्रिया के सफल संचालन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
आईजी बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, रेलवे, ट्रैफिक और फायर ब्रिगेड विभागों की जिम्मेदारी संभाली। गृह सचिव के रूप में भी लंबे समय तक कार्यरत रहे। उनकी नियुक्ति छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है और उनकी मजबूत पुलिसिंग छवि राज्य की कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने में सहायक होगी।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button