अलकायदा का नया चीफ बना अल अदेल !
अलकायदा के कार्यकारी नेता के तौर पर सैफ अल अदेल का चयन कर लिया गया है। पाकिस्तान से आ रही खबर के मुताबिक 40 वर्षीय अल अदेल 90 के दशक में लादेन के काफी करीब था। 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक कार्रवाई के बाद अल अदेल इरान भाग गया था, जहां उसे ईरानी हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया था। लंदन में रह रहे एक पूर्व लिबिआई आतंकी के मुताबिक ईरान से मुक्त होने के बाव अल अदेल पिछले वर्ष पाकिस्तान चला गया था। 80 के दशक में अल अदेल ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जारी जेहाद में लादेन के साथ था।
पाकिस्तान से प्रकाशित न्यूज अखबार के मुताबिक किसी गुप्त स्थान पर हुई बैठक में अल अदेल को अलकायदा का कार्यकारी नेता चूना लिया गया है। ओसामा बिन लादेन के किसी भी रिश्तेदार ने इस ओहदे पर अपनी दावेदारी नहीं की।
माना जा रहा है कि अलकायदा के चीफ के तौर पर अल अदेल की नियुक्ति मिस्र के नेता अल जवाहिरी के सपनों पर कुठाराघात है। अल जवाहिरी को संगठन के अंदर लादेन के बाद नंबर दो का दर्जा प्राप्त था। यह माना जा रहा था कि अल कायदा का कमान अब अल जवाहिरी ही संभालेंगे। वैसे अल जवाहिरी के अलावा अन्य कई लोगों के नाम भी अल कायदा प्रमुख के दावेदारों के रूप में लादेन के मारे जाने के बाद उभर रहे थे। अल अदेल के अलकायदा प्रमुख बनने के बाद संगठन के दो फाड़ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इराक और यमन में सक्रिय अलकायदा के लोग अभी जवाहिरी को चीफ बनाने के पक्ष में है।
अभी तक अल अदेल को अलकायदा चीफ बनाने की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अलकायदा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने संगठन को बचाये रखने की है। कहा जा रहा है कि अल अदेल का नाम अलकायदा चीफ के तौर पर इसलिये उछाला जा रहा ताकि अलकायदा से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया को देखा जा सके। लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिकी प्रचार माध्यम यह साबित करने पर तुले हुये हैं कि अलकायदा कमजोर हो चुका है, लेकिन अभी मरा नहीं है। चीफ को लेकर यदि अलकायदा के अंदर दो फाड़ होता है तो इसका लाभ अमेरिका कालांतर में अमेरिका को ही मिलेगा। अलकायदा को लेकर अमेरिका अभी पूरी तरह से हाई अलर्ट है। अपनी साख को बचाये रखने के लिए अलकायदा को एक बड़ा हमला कभी भी कर सकता है। चीफ की कुर्सी संभालने के बाद संगठन को जीवन देने के लिए यह जिम्मेदारी अल अदेल को ही उठानी होगी।
अलकायदा के कार्यकारी नेता के तौर पर सैफ अल अदेल का चयन कर लिया गया है। पाकिस्तान से आ रही खबर के मुताबिक 40 वर्षीय अल अदेल 90 के दशक में लादेन के काफी करीब था। 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक कार्रवाई के बाद अल अदेल इरान भाग गया था, जहां उसे ईरानी हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया था। लंदन में रह रहे एक पूर्व लिबिआई आतंकी के मुताबिक ईरान से मुक्त होने के बाव अल अदेल पिछले वर्ष पाकिस्तान चला गया था। 80 के दशक में अल अदेल ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जारी जेहाद में लादेन के साथ था।
पाकिस्तान से प्रकाशित न्यूज अखबार के मुताबिक किसी गुप्त स्थान पर हुई बैठक में अल अदेल को अलकायदा का कार्यकारी नेता चूना लिया गया है। ओसामा बिन लादेन के किसी भी रिश्तेदार ने इस ओहदे पर अपनी दावेदारी नहीं की।
माना जा रहा है कि अलकायदा के चीफ के तौर पर अल अदेल की नियुक्ति मिस्र के नेता अल जवाहिरी के सपनों पर कुठाराघात है। अल जवाहिरी को संगठन के अंदर लादेन के बाद नंबर दो का दर्जा प्राप्त था। यह माना जा रहा था कि अल कायदा का कमान अब अल जवाहिरी ही संभालेंगे। वैसे अल जवाहिरी के अलावा अन्य कई लोगों के नाम भी अल कायदा प्रमुख के दावेदारों के रूप में लादेन के मारे जाने के बाद उभर रहे थे। अल अदेल के अलकायदा प्रमुख बनने के बाद संगठन के दो फाड़ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इराक और यमन में सक्रिय अलकायदा के लोग अभी जवाहिरी को चीफ बनाने के पक्ष में है।
अभी तक अल अदेल को अलकायदा चीफ बनाने की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अलकायदा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने संगठन को बचाये रखने की है। कहा जा रहा है कि अल अदेल का नाम अलकायदा चीफ के तौर पर इसलिये उछाला जा रहा ताकि अलकायदा से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया को देखा जा सके। लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिकी प्रचार माध्यम यह साबित करने पर तुले हुये हैं कि अलकायदा कमजोर हो चुका है, लेकिन अभी मरा नहीं है। चीफ को लेकर यदि अलकायदा के अंदर दो फाड़ होता है तो इसका लाभ अमेरिका कालांतर में अमेरिका को ही मिलेगा। अलकायदा को लेकर अमेरिका अभी पूरी तरह से हाई अलर्ट है। अपनी साख को बचाये रखने के लिए अलकायदा को एक बड़ा हमला कभी भी कर सकता है। चीफ की कुर्सी संभालने के बाद संगठन को जीवन देने के लिए यह जिम्मेदारी अल अदेल को ही उठानी होगी।