पहला पन्ना

मुंगेर में महाशिवरात्रि पर्व शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया

लालमोहन महाराज ,मुंगेर

सर्व धर्म समभाव के रूप में इस बार 46 वें वर्ष में महाशिवरात्रि महोत्सव धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपरा के रूप में उत्साह पूर्ण वातावरण में मनाया गया . इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुंगेर एसडीम शैलेंद्र कुमार सिंह ने भाजपा विधायक प्रणव कुमार ,मुंगेर नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी ,डिप्टी मेयर मेयर मो खालिद हुसैन सहित कई अन्य वार्ड पार्षदों व शहर के गण्यमान्य बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में शिव बारात का फीता काटकर उद्घाटन किया. वहीं मुंगेर की जनता के उत्साह पूर्ण सहयोग से ऐसे यादगार आयोजन को श्री श्री 108 बाबा मनकेश्वर बाबा समिति मुंगेर के महामंत्री कमल कुमार कमल व उनके स्वयंसेवकों के द्वारा सफल बनाया गया .मुंगेर एसडीम शैलेंद्र कुमार सिंह ने नगर वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में महाशिवरात्रि पर्व मनाने के लिए हार्दिक बधाई दी. वही शिव बारात के दौरान ढोल नगाड़ों के साथ कई रंगों के ध्वज थे . श्रद्धालुओं ने रंगोली बनाकर शिव बारात का स्वागत किया. बारात में शामिल अश्वारोही लक्ष्मीबाई , गुलाल खेलते शिव पार्वती सेवा दल के सदस्य ,नितेश मॉडर्न डांस क्लासेस की नृत्य प्रस्तुति अग्नि चक्र के साथ, डांडिया नृत्य, अपनापन शिव भक्त सेवा समिति धर्मशाला निर्माण कार्य, ऋषि की तपस्या बाधित करने वाले भूत पिशाच, पिंजरा के ऊपर हनुमान ,पिंजडें में बंद भूत प्रेत ,रंग एवं गुलाल खेलते नाचते लोग ,होली दृश्य की झांकी शिव बारात का मुख्य आकर्षण केंद्र था . गांधी चौक से होते हुए मुख्य बाजार बड़ी बाजार व शहर के मुख्य चौक चौराहे होते हुए बाबा मनकेश्वर नाथ मंदिर में पहुंची शिव बारात का विसर्जन किया गया. इसके बाद शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ .

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button