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मुंगेर के धरहरा में बीड़ी बनाने वाला अवैैध केंदू पत्ता लदा वाहन धराया

शराब के नशे में धुत पत्थर माफिया ने मचाया उत्पात

लालमोहन महाराज, मुंगेर

मुंगेर जिले के धरहरा के सखौल जंगल से अवैध केंदू पत्ता ला रहे पिकअप वाहन को वन विभाग की टीम ने जप्त कर लिया।बताया जाता है कि मुंगेर डी एफ ओ गौरव कुमार ओझा को गुप्त सूचना मिली थी कि सखौल जंगल से बीडी बनाने के उपयोग में लाए जाने वाले अवैैध केंदू पत्ते की एक बडीः खेप बिक्री के लिए तस्कर के द्वारा ले जाया जा रहा है ।सूचना मिलते ही धरहरा वन विभाग के वनों के क्षेत्र पदाधिकारी जंग बहादुर राम, वन पाल रवि कुमार ,वन रक्षी रंजित कुमार,मो हैदर अली,सत्येन्द्र कुमार,उपेंद्र कुमार सहित अन्य वनकर्मियों की टीम गठित की गई।गठित टीम ने सखौल गांव के समीप जंगल से आ रहे केंदू के पत्ते लदे वाहन को पकड़ने के लिए चारो तरफ से घेराबंदी की।हालांकि इस दौरान दूर से ही वन विभाग की टीम को देखकर वाहन में सवार वाहन चालक एवं बीड़ी पत्ता तस्कर वाहन छोड़ कर भाग निकले।वहीं टीम ने वाहन जप्त कर लिया और वन अधिनियम के तहत वनवाद दायर किया । वहीं दूसरी ओर वन विभाग टीम के द्वारा लगातार लकड़ी तस्कर व पत्थर माफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे छापेमारी अभियान से तस्कर सहित कई पत्थर माफियाओं में हड़कंप व्याप्त हो गया है।इस कारवाई से कई सफेद पोश संरक्षित क्षेत्र के पत्थर माफिया,वन्य जीव तस्कर,अवैध कारोबारी , अवैध शराब भट्ठी संचालकों में भी हंडकंप व्याप्त हो गया है.

बतातें चले कि विगत शनिवार को अवैध पत्थर लदे एक ट्रैक्टर पकड़े जाने से सोमवार की रात भलार का एक बदनाम पत्थर माफिया बौखला गया था।वह शराब के नशे में अपने गुर्गों के साथ इटवा चौक आ धमका और जलपान की दुकान चला रहे दुकानदार को पुलिस का खबरी बता कर गाली गलौज करते हुए दुकान बंद करवा दिया।हलांकि सूचना मिलते ही धरहरा थाना अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह अपने दल बल के साथ इटवा चौक पहुंचे। जहां थानाध्यक्ष को देखते ही पत्थर माफिया और उनके गुर्गे नौ दो ग्यारह हो गए ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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