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मुंगेर में वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सागर का हार्ट अटैक से निधन

सुबोध सागर का निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति है-ए आई जे

लालमोहन महाराज, मुंगेर
मुंगेर में 76 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सागर का निधन हो गया.

बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम काफी बेचैनी महसूस होने पर उन्हें परिजन सदर अस्पताल मुंगेर लेकर गए जहां
उपचार शुरू हुआ. इलाज के दौरान अचानक हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई।

निधन की खबर से मीडिया जगत व.मुंगेर शहर.में शोक का माहौल है। बेटा संजीव शर्मा, संदीप सागर व पुत्री सारिका शर्मा व दामाद शिक्षक कंचन शर्मा बदहवास हैं। दिवंगत पत्रकार को उनके पोते आकाश ने मुखाग्नि दी। दाह संस्कार में दर्जनों लोगों की भीड़ मौजूद रही। वही दिवंगत पत्रकार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह देश के प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र आज के मुंगेर ब्यूरो प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार लालमोहन महाराज ने कहा कि सुबोध सागर का निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ कई पत्रकारों और मीडिया कर्मियों ने उठाया .उनके निधन से न केवल उनके परिवार बल्कि समूचे मीडिया जगत में शोक व्याप्त है . सुबोध सागर ने मीडिया जगत में अपने योगदान से अमिट छाप छोड़ी है . वही इस अवसर पर जनसुराज के राज्य कोर कमेटी सदस्य सह बेगूसराय प्रभारी शहाब मलिक ने भी दिवंगत पत्रकार को फूल माला अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की .शहाब
मलिक ने कहा कि उनकी सरलता, सजगता और पत्रकारिता के प्रति समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा. उनके निधन से मुंगेर मीडिया जगत में जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसे भर पाना कठिन होगा. बता दें कि सुबोध सागर ने मीडिया जगत में 4 दशकों से भी अधिक समय तक कार्य किया .कई प्रमुख समाचार पत्रों में भी काम किया. दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन, समाज सेवी राकेश मंडल, राजद नेता आदर्श राजा , पत्रकार सुजीत मिश्रा, नवीन झा, त्रिपुरारी मिश्रा, राजेश झा, रंजीत ठाकुर ,राजीव मुरारी सिंहा सहित अन्य पत्रकारों ने कहा कि दिवंगत पत्रकार सुबोध सागर के कृति को भुलाया नहीं जा सकता है. वे सदैव याद किए जाएंगे.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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