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हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखते हैं पेड़ पौधे : मेधा यादव

पटना। पेड़-पौधा अनेक जीव जन्तुओं को आश्रय प्रदान तो करता ही है साथ ही हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने में मदद करते हैं। पयार्वरण पर पड़ने वाले कार्बन के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। ये बातें टी. पी. एस. कॉलेज के वनस्पति विभाग एवं एन. एस. एस. द्वारा वन महोत्सव कार्यक्रम में बाँका के वन पदाधिकारी मेधा यादव ने कहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक प्रो. शयामल किशोर ने कहा कि वृक्ष के औषधियों व जड़ी बूटियों का हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना महामारी के विरुद्ध लङाई में महत्वपूर्ण हो गया है। अर्थशास्त्र की अध्यक्ष प्रो. अंजलि प्रसाद ने मानव जीवन में वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर वनस्पति विभाग के छात्र-छात्राओं में  सुचित्रा, देवदीप, शालीनी ने अपने अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. विनय भूषण ने  अतिथियों एवं  प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. कृषनंदन प्रसाद ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने पौधारोपण किया। कार्यक्रम में प्रो. रुपम, प्रो. शिवम यादव एवं काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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