साइंस लाइफ

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज फिजियोथेरेपी जरूर करवाये: डॉ. राजीव

हर साल 8 सितंबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ फिजिकल थेरेपी ने 8 सितम्बर को ”वर्ल्ड फिजिओथेरेपी डे” घोषित किया है। फीजिओथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज आसानी से किया जाता है। हालांकि, भारत में बहुत कम ही लोग इसके प्रति जागरूक हैं, जिस वजह से वो इसका लाभ कम ही उठा पाते हैं। पटना के चर्चित फिजियोथेरेपी के डॉ. राजीव कुमार सिंह बताते है कि फीजिओथेरेपी के जरिए ऑस्टिओअर्थराइटिस, स्पाइनल इंजरी जैसी जटिल बीमारियों का इलाज संभव है। इसका कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता है।

डॉ. राजीव बताते है कि आज पूरा विश्व कोरोना संक्रमण का शिकार है। ऐसे में फिजियोथेरेपी का महत्व कम नही हुआ है। फिजियोथेरेपी कोरोना के  संक्रमण को झेल चुके लोगों के लिए बेहद अहम् है, क्योंकि इससे उनके सीने और फेफड़ों में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। उनको साँस फूलने की शिकायत दिखे हो तो चेस्ट फिजियोथेरेपी बहुत कारगर साबित हो सकता है। चेस्ट फिजियोथेरेपी का लाभ लेकर खुद को मरीज पूरी तरह से ठीक और तंदुरुस्त कर सकते। आज भाग दौड़ की जिंदगी में फिजियोथेरेपी आम जीवन में अति महत्वपूर्ण हो गया है, जहाँ बिना दवा के ज्यादातर बिमारियों को जर से समाप्त किया जा सकता है।

क्या है फिजियोथेरेपी ?

फिजियोथेरेपी एक मॉर्डन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें घुटनों, पीठ, कमर दर्द आदि कई शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए बिना दवा और सर्जरी किए इलाज किया जाता है। यह प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा किया जाता है। इसमें कई तरह के एक्सरसाइज के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की कोशिश की जाती है। आजकल लोगों को कई तरह की

शारीरिक समस्याएं और दर्द से दो-चार होना पड़ता है। इसकी वजह है घंटों लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करते रहना, गलत मुद्रा में बैठना, एक्सरसाइज या फिर खेलने-कूदने के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव या जख्म होना। इन सभी का इलाज एक फिजियोथेरेपिस्ट करता है। डॉ. राजीव कहते है कि फिजियोथेरेपी करवाते समय रखें इन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।

अक्सर लोग बीच में ही फिजियोथेरेपी करवाना बंद कर देते हैं। ऐसा करने से आपको पूरा लाभ नहीं होगा। इसमें कई सेशन होते हैं, जिसे पूरा करना जरूरी है। आप चाहते हैं कि इसका लाभ लंबे समय तक हो, तो सभी सेशन को पूरा करें। कितने दिनों तक फिजियोथेरेपी सेशन के लिए आना होगा, इसके बारे में पहले ही फिजियोथेरेपिस्ट से पूछ लें। मरीज की शारीरिक स्थिति को अच्छी तरह से जानने-समझने के बाद ही सेशल की शुरुआत करनी चाहिए। किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट से ही अपना इलाज करवाएं। सस्ते के चक्कर में पड़ेंगे तो पूरा लाभ नहीं होगा और आपकी समस्या यूं ही बनी रहेगी।

डॉ. राजीव ने बताया कि ऐसा नहीं कि जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं, वो फिजियोथेरेपी का सेशन नहीं ले सकते हैं। इससे आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। यह शरीर को फायदा ही पहुंचाती है। यदि आप इसे नियंत्रित रूप से लेते रहते हैं, तो लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। इससे आप कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहते हैं। फिजियोथेरेपी किसी भी उम्र में ली जा सकती है। बच्चे, महिलाएं, लड़के, लड़कियां, बूढ़े सभी उम्र के लोग फिजियोथेरेपी ले सकते हैं।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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