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चारू मजूमदार ने कहा था, जनता का हित ही पार्टी का हित है

  • शहादत दिवस पर सच्चे लोकतांत्रिक भारत के निर्माण का संकल्प
  • राज्य कार्यालय सहित पूरे बिहार में हजारों जगह दी गई श्रद्धांजलि

पटना। भाकपा(माले) के संस्थापक महासचिव कॉमरेड चारु मजूमदार की शहादत के 48 साल और पार्टी के पुनर्गठन की 46वीं वर्षगांठ पर पूरे राज्य में भाकपा-माले ने अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि दी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके अधूरे मिशन और वास्तविक आजादी और सच्चे लोकतांत्रिक भारत के निर्माण के सपने को पूरा करने की प्रतिज्ञा की।

राज्य कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजबिहारी पांडेय, राज्य सचिव कुणाल, केंद्रीय कमिटी की सदस्य सरोज चौबे, प्रदीप झा, प्रकाश कुमार आदि नेताओं ने चारू मजूमदार और अन्य शहीदों की याद में एक मिनट का मौन रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दिया। पटना जिला कार्यालय में पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर व दिलीप सिंह, ललन सिंह आदि नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर बृज बिहारी पांडेय ने कहा कि पार्टी को अपने आखिरी संदेश में कॉमरेड चारु मजूमदार ने जनता के हित को ही पार्टी का हित मानते हुए, जनता की सेवा करने का आह्वान किया था। जनता के हितों की सेवा का आह्वान आज की कठिन परिस्थितियों में और भी प्रासंगिक हो जाता है, जब जनता कोरोना महामारी और मोदी सरकार द्वारा जबरन थोपे गए विनाशकारी लॉकडाउन की दोहरी मार से जूझ रही है।  हम शपथ लेते हैं कि इन चुनौतियों का साहस पूर्वक सामना करेंगे तथा पूरी ताकत और क्षमता के साथ जनता की सेवा करेंगे। लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए मोदी सरकार ने भारत की जनता, संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ एक तरह से युद्ध छेड़ दिया है। कॉर्पोरेटों को सभी संसाधनों को हड़पने की खुली छूट दे दी गयी है तथा एक के बाद एक लगातार हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं और इस तरह, हर मुमकिन तरीके से हमारे देश को कमजोर किया जा रहा है।  तुर्रा ये कि सरकार हर जिम्मेदारी से यहाँ तक कि लोगों को आवश्यक वस्तु और सेवायें मुहैया कराने तक से पल्ला झाड़ रही है और फिर अपनी इस गैरजिम्मेदारी को आत्मनिर्भरता का नाम देने का पाखंड रच रही है। जनता के बीच घृणा और विभाजन के बीज बोने, देश को कमजोर करने तथा संविधान व लोकतंत्र को नष्ट करने के फासीवादी मंसूबे से लड़ने और उसे परास्त करने की हम शपथ लेते हैं।

राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि भारत के कामगार लोग, खास तौर पर जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और आवश्यक सेवाओं के मोर्चे पर कार्यरत हैं, वे कोरोना के जानलेवा खतरे का सामना करते हुए भी, निरंतर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। हम उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण को सलाम करते हैं। देश के बहुत सारे बुद्धिजीवी और एक्टिविस्ट इस समय फर्जी मुकदमों और दमनकारी कानूनों के तहत जेलों में डाल दिये गए हैं। हम इन सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल, बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।

मोदी सरकार के तानाशाही रवैये को धता बताते हुए भारत की जनता के अलग-अलग हिस्सों के लोग, मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने और जनवादी अधिकारों के संघर्ष में निरंतर लामबंद हो रहे हैं। हम इन सभी संघर्षों का समर्थन करते हैं और जनता की एकता और जनवादी चेतना व हस्तक्षेप के स्तर को ऊपर उठाने के लिए इन संघर्षों के इर्दगिर्द व्यापक एकजुटता के निर्माण की शपथ लेते हैं। एकजुट और जागरूक लोग कभी हराए नहीं जा सकते। फासीवादी खतरे को ध्वस्त करने और अपने सभी अधिकारों को हासिल करने के लिए जनता की एकता और पहलकदमी के साथ, हम आगे बढ़ने का संकल्प लेते हैं।

एक ऐसे समय में जब भारत में बहुतेरी विपक्षी पार्टियां फासीवादी ताकतों के विरुद्ध डगमगा रही हैं, उनके सामने समर्पण कर रही हैं या उनसे हाथ मिला रही हैं, भाकपा (माले) उसी साहस और निरंतरता के साथ जनवादी प्रतिरोध के मोर्चे की अग्रिम पंक्ति में डटी हुई है जो हमारी क्रांतिकारी विरासत और पहचान की विशेषता रही है। हमें इस क्रांतिकारी कम्युनिस्ट विरासत पर गर्व है और हम  पूरी ऊर्जा और कठोर प्रयास से, अपने संगठन की जीवंतता और शक्ति से इसे और मजबूत करने की शपथ लेते हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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