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डब्ल्यूजेएआई को मिला पत्रकारिता के दिग्गजों का साथ

पटना। देश भर के वेब पत्रकारों के सर्वथा पहले निबंधित संगठन वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया- ‘डब्ल्यूजेएआई’ को बिहार की पत्रकारिता  के रोल मॉडल, आईकॉनिक और प्रेरणास्रोत अग्रिम पंक्ति के पत्रकारों का वरदहस्त प्राप्त हुआ है। संगठन से बिहार की पत्रकारिता की आईकॉनिक हस्तियाँ शैलेन्द्र दीक्षित, अरुण अशेष, राकेश प्रवीर, सुजीत झा और श्रीकांत प्रत्युष बतौर संरक्षक जुड गए हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल ने इस आशय की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले समय में इन वरिष्ठ पत्रकारों के परामर्श, मार्गदर्शन और संरक्षण से संगठन ज्यादा मजबूत हो कर अपने लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति में अग्रसर होगा। उन्होंने बताया कि  संगठन ने अपने संरक्षक मंडल का विस्तार करते हुए इनकी सहमति से इन्हें संगठन का संरक्षक मनोनीत किया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि डब्ल्यूजेएआई के प्रधान संरक्षक देश की पत्रकारिता जगत के रोल मॉडल प्रख्यात् संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने सामाजिक राजनीतिक विश्लेषक एन. के. सिंह हैं तो वहीं अब से इनके साथ संरक्षक मंडल की शोभा बढ़ाएंगे देश के जाने माने पत्रकार दैनिक जागरण आदि के संपादक रहे वरिष्ठ पत्रकार विश्लेषक शैलेन्द्र दीक्षित, अरुण अशेष, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया स्ट्रेटिजिस्ट एनयूजेआई के प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रवीर, सुजीत कुमार झा, सिटीपोस्ट लाइव के एडिटर इन चीफ श्रीकांत प्रत्यूष, जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी के बतौर सरक्षक जुड़ने से संगठन को उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त होगा। आनन्द ने कहा कि डब्ल्यूजेएआई पूरी सक्रियता से वेब पत्रकारिता को देश भर में मुकाम देने में लगी है। दिल्ली एनसीआर, यूपी उत्तराखंड, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत प्रक्षेत्र, ओडिशा के बाद अब पंजाब हरियाणा, दक्षिण पूर्वी राज्यों में संगठन का विस्तार किया जा रहा है। संगठन द्वारा ग्लोबल समिट किया जाना है जिसकी तैयारी जोर शोर से कोरोना से मुक्ति के बाद की जाएगी। कई योजनाएं पाईपलाईन में हैं जिसके लिए मुफीद समय का इंतज़ार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन ने कहा कि यह बड़ी बिडम्बना है कि जानकारी के मुताबिक 1992 में अमेरिका में शिकागो टाईम्स के नाम से शुरु हुई वेब पत्रकारिता को आज तीसरे दशक में भी नई मीडिया कहा जा रहा है। इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह कि आज तक देश में सरकार वेब मीडिया के लिए न तो कोई गाईडलाईन बना सकी न कोई सरकारी नियामक संस्था। ये सूचना है कि देश में आरएनआई द्वारा वेब पोर्टलों के निबंधन की व्यवस्था बनाने की तैयारी की जा रही है तो वहीं बिहार सरकार भी वेब मीडिया नीति की तैयारी कर रही है। केन्द्र और बिहार सरकार के संबद्ध मंत्रालयों को डब्ल्यूजेएआई ने भी अपना प्रस्ताव अपने संविधान के अंश वेब पत्रकारों के लिए तैयार ‘स्व नियमन’ के ड्राफ्ट के साथ भेजा है और संगठन इस दिशा में प्रयत्नशील है।

उन्होंने बताया कि डब्ल्यूजेएआई देश भर में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के मार्फत वेब पत्रकारों और वेब पोर्टलों को एकसूत्र में जोड़ने में लगी है।

वरिष्ठ पत्रकार- संपादक और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि संगठन ने अपने फेसबुक पेज पर 21 जुलाई से लाईव कार्यक्रम के जरिये वेब पत्रकारों के साथ सीधा संवाद कायम करना शुरु किया है जहाँ सवाल जबाब के माध्यम से बड़ी ठोस जानकारियां सामने आ रही हैं।  21 जुलाई को महासचिव अमित रंजन ने लाईव संवाद का आग़ाज करते हुए देश में वेब पत्रकारिता, वेब पोर्टल के प्रसार, महत्व, नियमन  और डब्ल्यूजेएआई के कार्य कलापों की जानकारी दी। 22 जुलाई को ओम प्रकाश अश्क़ ने कोरोनाकाल में पारंपरिक मीडिया का संकट और वेब पत्रकारों के लिए अवसर पर अपनी बात रखी। 23 जुलाई को प्रख्यात् समाजसेवी और संगठन के संरक्षक रजनीकांत पाठक ने संकटकाल में ‘वेब पत्रकारों की सुध ले सरकार’ की अपील की। 24 जुलाई को पटना शाखा अध्यक्ष बालकृष्ण ने संगठन पर बात रखी। 25 जुलाई को देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माधो सिंह ने ‘भरोसा खो चुकी मुख्यधारा की पत्रकारिता का मजबूत विकल्प बन कर उभर रही वेब पत्रकारिता पर बड़ी सारगर्भित बातें रखीं। 26 जुलाई को वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. लीना ने वेब पत्रकारिता पर फर्जी का आरोप पर बात रखी।
उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में नये समय पर रात 9 बजे लाईव संवाद में प्रख्यात् काननूविद अधिवक्ता और संगठन के विधि परामर्शी रोहन प्रियम सहाय ने देश में मीडिया के इतिहास, संविधान में वर्णित अधिकार और निरोध, कानूनी पहलूओं, वेब पत्रकारिता और डब्ल्यूजेएआई पर बहुत अहम बातें रखीं।

राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा ने बताया कि देश भर के पत्रकार,  वेब पत्रकार और सुधि समाज के लोग संगठन के फेसबुक पेज पर जारी लाईव संवाद का हिस्सा बन सकते हैं।

बिहार के पत्रकारिता जगत की पांचों बड़ी हस्तियों का संरक्षक मंडल के सदस्य के रुप में प्रधान संरक्षक एन.के. सिंह, संरक्षक एम एल सी प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव, रजनीकांत पाठक, ई. संजय कुमार राय, मनोज कुमार चौधरी, उपाध्यक्ष रजनीश कांत, माधो सिंह, अमिताभ ओझा, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष कुमार शर्मा, सचिव मुरली मनोहर श्रीवास्तव, सुरभित दत्त, टी. स्वामीनाथन, संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, डॉ. लीना, मनोकामना सिंह, डॉ. राजेश अस्थाना, जितेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार मिश्रा, कार्यालय सचिव मंजेश कुमार, पटना शाखा अध्यक्ष बालकृष्ण, सचिव मनन कुमार मिश्रा छपरा अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय सचिव कबीर अहमद और संगठन से जुड़े सभी वेब पत्रकारों ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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