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डॉ. दयाल फाउंडेशन ने किया सिलाई मशील का वितरण

पटना। राजधानी पटना में गरीब व जरूरतमंद 10 महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए डॉ. दयाल फाउंडेशन द्वारा सिलाई मशीन का वितरण किया गया। इस मौके पर डॉ. दयाल फाउंडेशन के निशांत दयाल और पद्मश्री सुधा वर्गिज ने सिलाई मशीन का वितरण फाउंडेशन की चेयर पर्सन डॉ. रीता दयाल की 70 वीं जयंती डॉ. कृष्‍णेश्‍वर दयाल की 91 वीं जयंती और सावित्री दयाल की 91 वीं जयंती के अवसर पर किया। इस दौरान सुधा वर्गिज ने कहा कि दयाल फाउंडेशन हमेशा से समाजसेवा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करती रही है। इसके लिए ये बधाई के पात्र हैं।

वहीं निशांत दयाल ने कहा कि 26 और 27 सितंबर को हमारे परिवार के तीन महान लोगों का जयंती है जिसको सेलिब्रेट करते हुए हम हर साल गरीब व जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन देते हैं ताकि वे अपनी आजिविका अपने दम पर चला सकें। वे आत्‍मनिर्भर बनें और अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से कर सकें। आज भी हमने पटना में अपने आवास पर सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ 10 महिलाओं को सिलाई मशीन दिया। इसके अलावा मुंबई में 35 दिल्‍ली में 45 और बंगलोर में 30 महिलाओं के बीच सिलाई मशीन का वितरण किया गया। यह हमारे लिए गौरव की बात है।

निशांत ने कहा कि हमारे फाउंडेशन के साथ सिलाई प्रशिक्षण संस्थान भी संलग्न हैं, जो न केवल महिलाओं को विभिन्न कपड़े सिलाई का प्रशिक्षण देते हैं, बल्कि अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए की प्रदर्शनियों में भी भाग लेने का मौका प्रदान करते हैं। प्रदर्शनी में बिक्री से होने वाले आय सीधे उन महिलाओं के पास जाती है, जिन्होंने उत्पाद बनाए हैं। फाउंडेशन की स्थापना पटना के प्रख्यात डॉक्टर डॉ. कृष्‍णेश्‍वर दयाल की याद में की गई थी, जिन्होंने 2003 में हमें छोड़ दिया। फाउंडेशन के द्वारा हम बैंगलोर और पटना में क्रमशः 59 बच्चों के साथ, दो अनाथालयों का संचालन सक्रिय रूप से हम करते हैं। हम बाल हृदय ऑपरेशनए मेगा कंबल वितरण, क्रिकेट किट वितरण और समय-समय पर सिलाई मशीन वितरण के साथ-साथ चिकित्सा शिविरों में भी मदद करते हैं।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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