दिल्ली में ‘आर्ट क्रिएशन्स कल्चरल सोसाइटी’ द्वारा आयोजित दूसरा दो दिवसीय दर्द निवारण शिविर का आयोजन बेहद सफल रहा है, हजारो लोग शिविर में आए, पदमश्री पाने वाले समाजेसवी जितेंद्र सिंह शंटी भी शिविर में शामिल हुए
रिपोर्ट राजू बोहरा / विशेष संवाददाता,नई दिल्ली
नयी दिल्ली, आर्ट क्रिएशन्स कल्चरल सोसाइटी’ द्वारा अलग-अलग जगहों अग्रसेन भवन नियर बालाजी मंदिर विवेक विहार और तिहाड़ के एक नंबर जेल में विश्व प्रसिद्ध फिटनेस गुरु हनुमान चौहान जी का रोगियों के लिए निशुल्क दो दिवसीय दर्द निवारण शिविर आयोजन का किया गया जिसमे कंधे जाम, गर्दन,पीठ, पैर, एड़ी, मांसपेशियों में अकड़न, कूल्हे का जोड़ साइटिका नसों आदि का इलाज किया गया वो भी बिना किसी दवा के स्पर्श पद्धति से।
इस दर्द निवारण शिविर में पदमश्री से सम्मानित देश के प्रसिद्ध समाजेसवी शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी भी शामिल हुए। इससे एक दिन पूर्व तिहाड़ जेल एक नंबर में एक दिन का निशुल्क दर्द निवारण शिविर जेल स्टाफ और वहा के केदियो के लिए भी लगाया गया जिसमे दोनों ही दिन हजारो लोगो की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर एक नंबर जेल के सुपरिटेंडेंट मनोज शर्मा, डिप्टी सुपरिटेंडेंट सत्यवीर यादव एवं जय सिंह भी मौजूद रहे।
इनके अलावा पूर्व डीसीपी श्रीमती कमला मीणा, दिनेश जैन भी शामिल थे। दो माह पूर्व ही अप्रैल में भी संस्था द्वारा तिहाड़ जेल में दो दिवसीय निशुल्क शिविर लगया गया था जिसमे हजारो दिल्ली वासियो का स्पर्श पद्धति से इलाज किया गया था। गौरतलब है की फिटनेस गुरु हनुमान चौहान एक प्रसिद्ध हस्ती है जो स्पर्श पद्धति से लोग का इलाज करते है जिसे अंग्रेजी में हीलिंग टच कहा जाता है। उनके हाथ में गजब की सफा है दो,तीन मिनट में ही मरीज की बंद नसे खुल जाती है। लोगो के नसों की समस्याओ का उपचार हो जाता है वो भी बिना किसी प्रकार की दवाई के।
इस मौके पर संस्था के (अध्यक्ष-आयोजक) नरेश बैसला जी , (उपाध्यक्ष) मयंक जैन जी , (सचिव) मांगेराम जी , (जनरल सचिव) रचना जैन जी , (कोषाध्यक्ष) पंकज चौहान जी , (संयुक्त सचिव) सरिता जी , (कार्यकारी सदस्य) वेद प्रकाश जी, मोंटू जी (कार्यकारी सदस्य), वीरभान जी (हरियाणा में एनजीओ के स्टेट हेड), मो. जीशान जी (उत्तर प्रदेश में एनजीओ के स्टेट हेड), धर्मेद्र कुमार जी (हिमांचल प्रदेश में एनजीओ के स्टेट हेड), राकेश दुलगज ( महाराष्ट्र में एनजीओ के स्टेट हेड) और पीआर ओ. राजू बोहरा जी मुख्य रूप से मौजूद थे।