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दिल को छू जाने वाली फिल्म ‘दादु आई लव यु’ का फर्स्ट लुक पोस्टर हुआ रिलीज़ 

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अब तक आपने कई रिश्तो पर आधारित फिल्मे देखी होगी लेकिन अब एक ऐसी फिल्म दर्शको के बीच जल्द आने वाली है जिसे आप सब दिल से पसंद करेंगे। जी हाँ हम बात कर रहे है दादा और पोते के अटूट रिश्ते पर आधारित फिल्म ‘दादु आई लव यु’ की, जिसका फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज़ किया गया है।

फिल्म के फर्स्ट लुक में आपको दिग्गज अभिनेता अवधेश मिश्रा और बाल कलाकार आर्यन बाबू नजर आ रहे है। फिल्म एक दादा और पोते के बीच के गहरे सम्बन्ध पर आधारित फिल्म है। फिल्म को लेकर अवधेश मिश्रा ने बेहद ही दिल छू जाने वाली बात कही है। अवधेश मिश्रा ने कहा ”उस घर की नीव कभी कमज़ोर नहीं होती, जिसकी छत को सहारा बुजुर्ग देता है…!! बचपन भी दो बार आता है ज़िन्दगी में एक बार, बचपन में आता है और एक बार बुढ़ापे में आता है…!! दादा-और पोते का रिश्ता सबसे प्यारा होता है, दोनों एक दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं…!! एक ऐसी ही भोजपुरी फिल्म दादू – आई लव यू’ आ रही है जिस का पहला पोस्टर आप लोगो के बीच है कैसा लगा पोस्टर जरूर बताये आप लोग और शेयर भी करें।”
यह फिल्म एक दादा और पोते के सम्बन्ध में आत्मीयता और लगाव को दर्शाती एक प्रेम कहानी है। कथावस्तु पूरी तरह से मौलिक है और अवधेश मिश्रा, आर्यन बाबू, अनीता रावत,महेश आचार्य ,अजय सिन्हा, मिंटो, तथा सभी कलाकारों ने अपने चरित्र से न्याय किया है। एक लाइन में कहे तो यह कहानी एक पोते के प्रति एक डैड के अविश्वनीय त्याग की कहानी है। फिल्म की शूटिंग मध्य प्रदेश के पर्यटक स्थल भेड़ाघाट और उसके आसपास के लोकेशन और सुन्दर स्थानों पर की गई है। साथ ही नर्मदा रोपवे और कई अच्छे फॉल को भी फिल्म में दर्शाया गया है।  फिल्म  के लेखक निर्देशक मधुसूदन एस. शर्मा है। डीओपी जगमिंदर सिंह हुंडल हैं। संकलन संतोष हरावड़े ने किया है। कला राकेश साह, एक्शन मुकेश राठौड़ और नृत्य महेश आचार्य का है। कॉस्ट्यूम विद्या – विष्णु और पोस्ट प्रोडक्शन आई फोकस स्टूडियो में हो रहा है। फ़िल्म में दिल छू लेने वाला संगीत अमन श्लोक ने दिया है, जबकि राजेश मिश्रा, शेखर मधुर, अरविंद तिवारी और सूरज द्विवेदी गीतकार हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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