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नक्सल मूवमेंट को टटोलने की कोशिश (पुस्तक समीक्षा)

वी. राज बाबुल, नई दिल्ली

नक्सल मूवमेंट के कई अनछुये पहलुओं से रू-ब-रू होने का मौका कम ही मिलता है। अखबार में छपे कई शब्द सामान्य जनता के ज्ञान के परिधि के बाहर होते हैं। नक्सलाइट मूवमेंट- ए बिगेस्ट चैलेंज टू इंटरनल सेक्यूरिटी- उदय कुमार द्वारा लिखी किताब इसी दिशा में एक सार्थक कदम है। इस किताब में इस आंदोलन के शुरुआती दौर से लेकर आजतक की घटनाओं का सिलसिलेवार विवरण दिया गया है। प्रमुख नक्सल नेताओं का फोटो एवं उनके छद्म नाम का सविस्तार वर्णन किया गया है। नक्लियों का चंदा उगाही का तरीका, जबरन वसूली, मादक पदार्थों का पैदावर एवं उनका नक्सल फंड के लिए इस्तेमाल चौंकाने वाला तथ्य हैं। विदेशी ताकतों का हाथ इस आंदोलन को कौन सा दिशा प्रदान कर रही है इसकी झलक भी किताब में दिखाई देती है। दलितों एवं आदिवासियों का इस आंदोलन से लगाव एवं उनकी भागीदारी को बुनियादी ढांचा के तौर पर इस्तेमाल करना साथ ही साथ अल्पसंख्यकों का इस आंदोलन से दूरी इन सभी विषयों की सविस्तार व्याख्या की गई है। यह पुस्तर सामरिक पहलुओं पर भी नजर डालता है कि नक्सल चुनौती को कैसे खत्म किया जाये। नक्सल आंदोलन की बुनियादी जानकारी के लिए इस पुस्तक को जरूर पढ़ना चाहिये। इस पुस्तक के लेखक उदय कुमार केंद्रीय सुरक्षा बल  में एक अधिकारी है। इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में यह लिखते रहे हैं।  

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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13 Comments

  1. Udayji, Congrats for this nice piece of work. nice review, if happen to get an opportunity, would surely like to read the book to get an insight into this issue for the sake of full understanding.

  2. Excellent attempt by Uday to provide a holistic picture and insightful discussion about Naxalite Movement.

  3. Dear Uday Kumar
    Book review compels me to read said book.It appears that you have dealt with inside activities of Naxals who are really a part of our society.
    Keep it up

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