हार्ड हिट

नीतीश कुमार के बालिका शिक्षा अभियान को पलीता लगा रहीं हैं प्राचार्या लल्ली देवी

तेवरआनलाईन, पटना

एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य बालिकाओं को शिक्षित करने का मशाल उठाने का दम भर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर करीब 150 छात्राओं को मैट्रिक की परीक्षा देने से सिर्फ इसलिये वंचित होना पड़ रहा है क्योंकि वे प्राचार्या को घूस के तौर पर 500 रुपये देने में अक्षम हैं।  प्राचार्या द्वारा निर्धारित रकम से अधिक पैसे मांगने की वजह से करीब 150 लड़कियों को मैट्रिक का परीक्षा फार्म भरने से वंचित होना पड़ा है। प्राचार्या का कहना है कि उनके पास फार्म ही नहीं था, जबकि लड़कियां आरोप लगा रही हैं कि उनसे एक हजार रुपये की मांग की गई थी।

पटना सिटी से नारायणी कन्या उच्च विद्यालय में 150 के करीब छात्राएं अपना मैट्रिक का फार्म नहीं भर सकीं। छात्राओं का आरोप हैं कि स्कूल की प्राचार्या लल्ली देवी उनसे पांच सौ के बजाय एक हजार रूपये मांग रही थी। स्कूल की शिक्षिकाएं भी प्राचार्या के रवैये से काफी परेशान रहती हैं। सभी कायदे कानून को ताक पर रखकर अपने अनुसार स्कूल को चलाती हैं।

प्राचार्या लल्ली देवी अधिक पैसे मांगे जाने की बात से साफतौर इन्कार करते हुये कहती हैं कि पिछले साल फेल होने वाली छात्राओं की संख्या का अनुमान लगाने में वे असफल रहीं। पर्य़ाप्त संख्या में फार्म न मंगाने की वजह से छात्राओं को फार्म नहीं मिल सका। फार्म भरने का अंतिम दिन बीत चुका है। अब सवाल उठता है कि यदि फार्म पड़ गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।     

बिहार में लड़कियों की शिक्षा पर खासा जोर दिया जा रहा है ऐसे में महज फार्म की कमी की वजह से 150 लड़कियों का मैट्रिक का परीक्षा देने से वंचित रह जाना बिहार में बालिकाओं को शिक्षित करो अभियान पर एक धक्का ही है।

नीतीश कुमार भले ही राज्य में बालिकाओं को शिक्षित करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन लल्ली देवी जैसी प्राचार्या के होते हुये नहीं लगता कि बिहार में बालिकाओं को शिक्षित करने का अभियान अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएगा। बेहतर यही होगा कि इस तरह के मामले में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार डायरेक्ट हस्तक्षेप करें। नीतीश कुमार के बालिकाओं को साईकिल बांटने के अभियान से लड़कियों में शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक बदलाव आया है। महज 500 रुपये के कारण लल्ली देवी जैसी प्राचार्या नीतीश कुमार के अभियान को पलीता लगाने पर तुली हैं। इस तरह के मंजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को और भी देखने को मिल सकते हैं। अब इस पर वे कितना संज्ञान ले पाते हैं ये उन्हें देखना है।

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