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पूरे बिहार में बनेगा महाराणा प्रताप भवन : संजय सिंह

पटना में 28 जनवरी को होने वाले महाराणा स्मृति समारोह में पहुंचने का किया आह्वान

लालमोहन महाराज, मुंगेर
प्रमंडलीय मुख्यालय स्थित मुंगेर क्लब में पहुंचे विधान पार्षद सह जद यू के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सिंह ने आमसभा को संबोधित करते हुए अगामी 28 जनवरी को पटना में होने वाले महाराणा स्मृति समारोह में भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। संजय सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप की गौरव गाथा को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में अच्छे कार्यों को करने के लिए महाराणा फाउंडेशन का गठन का किया गया है। फाउंडेशन के तहत साल में गरीब लड़कियों की शादी कराना, गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को पढ़ाना ,जरूरतमंदों को आर्थिक मदद करना ,पूरे बिहार में महाराणा प्रताप भवन बनाया जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराणा फाउंडेशन देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने मधुबनी में क्षत्रियों के हुए नरसंहार के दौरान किए गए कार्यों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि उनके ही प्रयास से मधुबनी में हुए क्षत्रियों के नरसंहार के पीड़ितों को सरकार के द्वारा मदद दिलाई गई थी। उनके द्वारा फरवरी माह में बिहार के सभी लोकसभा क्षेत्र में 5-6 दोनों का समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं परिवार की राजनीति नहीं करता हूं । मेरी पत्नी, मेरे पुत्र व पुत्री कभी राजनीति में नहीं आएंगे। मेरे परिवार के राजनीति में आने से आम कार्यकर्ताओं को बहुत नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि मेवाड़ में महाराणा प्रताप की पूजा होती है। महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी से प्रेरित होकर सभी को समाज और देश के हित में कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर धरहरा की जिला परिषद सदस्य इंदुमती देवी, रहमतपुर पैक्स अध्यक्ष विनोद सिंह, धरहरा निवासी अनुज कुमार सिंह, धरहरा दक्षिण पंचायत के मुखिया मनोज कुमार उर्फ मनोहर सिंह, जदयू नेता लक्ष्मीकांत सिंह, झुुनी सिंह, शंकर सिंह उर्फ कैलू जी ,सुरेश सिंह ,सोनू सिंह , रघुराज प्रताप सिंह , तरूण सिंह , भलार निवासी राजकमल सिंह,नवीन सिंह, सूरज सिंह , राजेश सिंह,ज्योति सिंह सहित अन्य थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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