बांकीपुर के अलावा बिस्फी से भी चुनाव लड़ेंगी पुष्पम प्रिया चौधरी
पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार की राजनीति में कम समय में तेजी से पैठ बनाने में कामयाब हुई हैं। चीते की सधी हुई चाल की तरह वह लगातार बिहार की सियासत में अपना दखल बढ़ा रही हैं। शुरुआत में ही खुद को बिहार के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश करके उन्होंने बिहार की सियासत में हलचल पैदा कर दिया था। जानकारी के मुताबिक बिहार की सियासत की नब्ज पर पकड़ रखने वाले लोगों ने भले ही उस वक्त उसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसी वक्त ताड़ गये थे कि काले लिबास में खुद को बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने वाली यह लड़की उनके लिए सिरदर्द बन सकती है। तभी तो बिहार से प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों को यह संकेत दे दिया गया था कि भविष्य में चाहे कितना भी पैसा भी क्यों न दिया जाये पुष्पम प्रिया चौधरी और उनकी पार्टी का बड़ा विज्ञापन नहीं छपनी चाहिए। अब इसमें सच्चाई चाहे जो हो, पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार की राजनीति में एक लंबी छलांग लगाने के लिए व्यवस्थित तरकी से मेहनत तो कर ही रही। शायद यही वजह है कि बांकीपुर से भाजपा के संभावित प्रत्याशी नीतीन नवीण को जमीनदोज करने के साथ-साथ मधुबनी ज़िले के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र से भी दो-दो हाथ करने की तैयारी में है ताकि विधानसभा में उनका प्रवेश सुनिश्चित हो जाये।
प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट और पार्टी की मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी मधुबनी ज़िले के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र विधानसभा से चुनाव लडेंगी। उन्होंने घोषणा कि थी कि वह दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगी, जिसमें एक क्षेत्र मगध और दूसरा मिथिला होगा।
मगध क्षेत्र के बांकीपुर, पटना से उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही की थी। आज उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा कि प्लुरल्स पोल कमिटी की अनुशंसा पर मैं पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार की जीवनदायिनी गंगा के उत्तर-तट अवस्थित मिथिला में कला, संस्कृति, भाषा और समरसता के केंद्र मधुबनी ज़िले के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र (35) से, जो मैथिल गर्व के सिरमौर और मैथिली कवि-कोकिल महाकवि विद्यापति की जन्मस्थली है, प्लुरल्स की उम्मीदवार होऊँगी। मैं इंस्टिट्यूट ऑफ डेवेलपमेंट स्टडीज़, यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स, से डेवेलपमेंट स्टडीज़ में और लंदन स्कूल ऑफ ईकोनोमिक्स एंड पोलिटिकल सायंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स हूँ और पॉलिटिक्स, फ़िलासफ़ी और ईकोनॉमिक्स की गहन पढ़ाई के साथ मैत्रेयी-गार्गी-भारती की मिथिला की महान ज्ञान व शास्त्रार्थ परम्परा की वाहक हूँ। बिहार के इस चुनाव में अपने 241 साथियों के साथ सफल होकर न सिर्फ़ मिथिला संस्कृति के वैभव की वापसी बल्कि पूरे बिहार को 2025 तक भारत में नम्बर एक और 2030 तक विश्व के श्रेष्ठ जगहों में से एक बनाने को कृतसंकल्पित हूँ क्योंकि यह मेरे मिथिला और बिहार की वापसी का दशक है।