पहला पन्ना

बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन पर गंभीर चर्चा चल रही है : चिराग पासवान

बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के विजन के साथ लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के सभी कार्यकर्ता यह संकल्प लेता है कि अपने दिवंगत नेता और पार्टी के संस्थापक पद्मभूषण रामविलास पासवान के अधूरे सपनों और अधूरे कार्यों को आगे लेकर जाएंगे। कई बड़ी विरोधी शक्तियों की तमाम साजिश के बावजूद पार्टी के तमाम कार्यकर्ता और नेताओं ने सुनियोजित तरीके से पार्टी टूटने के बाद अपने पार्टी के विजन के तहत जिस बखूबी से पार्टी को मजबूत किया है उसके लिए तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को स्थापना दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर बधाई देता हूँ। श्री चिराग ने कहा कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन के तहत पार्टी बिहार में कैसे सरकार बनाएगी इस पर गंभीरता से चर्चा की जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा की मध्यावधि चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करे। उक्त बातें लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग पासवान ने कही।

लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास द्वारा आज 28 नवंबर को लोजपा का 23वां स्थापना दिवस समारोह पार्टी के प्रदेश कार्यालय कृष्णापुरी में धूमधाम और पूरे हर्षाेल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री चिराग पासवान जी ने लोजपा संस्थापक पद्मभूषण श्री रामविलास पासवान जी के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत केक काट कर की। इस मौके पर उन्होंने पटना के श्रीकृष्णापुरी में लोजपा (रा) के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन भी किया। इसको लेकर मौके पर मौजूद पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग ने सबसे पहले लोजपा संस्थापक पद्मभूषण श्री रामविलास जी और पार्टी के सिद्धांतों और विचारों की विस्तार से चर्चा की। श्री चिराग ने कहा, ”आदरणीय श्री रामविलास पासवान जी की उपलब्धियों को गिनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने छः-छः प्रधानमंत्रियों के साथ बतौर कैबिनेट मंत्री पूरी निष्ठापूर्वक काम किया और जब पहली बार वे भारत सरकार में श्रम एवं कल्याण मंत्री बने, तब से लेकर अपनी अंतिम सांस तक सरकार में मिले विभाग के माध्यम से यह कोशिश करते रहे कि समाज के गरीब, वंचित और शोषित लोगों को कैसे मुख्यधारा के साथ जोड़ा जाए, कैसे उनके हक व अधिकारों के लिए योजनाओं को मजबूत किया जाए।“
उन्हों ने कहा,” आज जब वे हम सब के बीच मौजूद नहीं हैं तो यकीनन यह हमारे लिए एक बेहद भावुक दिन है। पार्टी का स्थापना दिवस हम सबों के लिए नया उत्साह, नई उर्जा और हमारे नेता के सपनों को आगे लेकर जाने की शक्ति प्रदान करता है।“
आगे उन्हों ने कहा, “हमारे नेता जब तक जिवित थे, आज के दिन को धूमधाम से मनाते थे, उनके जाने के बाद भी हम सब ने यह प्रयास किया कि जिस तरीके से हमारे नेता रामविलास पासवान जी पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम मनाते थे, हम लोगों ने भी उसी परंपरा को आगे ले जाने का प्रयास किया। विगत 2020 में जब हमारे नेता का निधन हुआ उसके बाद से हम लोगों ने हमेशा उसी तरीके से पार्टी का स्थापना दिवस मनाए। पटना में हम लोगों ने बड़े-बड़े कार्यक्रम किए। इस बार लोजपा (रा) ने पार्टी के प्रभारी और जिलाध्यक्षों के नैतृत्व में पुरे बिहार के सभी जिलों में इस समारोह को पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया गया है।“
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने बताया कि उक्त अवसर पर मुख्य रुप से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार, राष्ट्रीय माहसचिव रेणु कुशवाहा, डॉ सत्यानंद शर्मा, शंकर झा, धनंजय मृणाल, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय श्री राजू तिवारी, प्रधान महासचिव संजय पासवान, संगठन मंत्री रविन्द्र सिंह, संसदीय बोर्ड अध्यक्ष हुलास पाण्डेय, संजय कुमार सिंह, अजय कुशवाहा, सुरेंद्र विवेक, पार्टी उपाध्यक्ष राकेश रौशन, अशरफ अंसारी, ईं. रमेश कुमार, विष्णु पासवान, वेद प्रकाश पाण्डेय, सिमांत मृणाल, डॉ अजय कुमार, अमित कुमार रानु, गबरु सिंह, प्रकाश कुशवाहा, सोनू सिंह, पार्टी प्रवक्ता जितेन्द्र कुमार यादव, विनीत सिंह, दिनेश पासवान, अनुपम पासवान, जिलाध्यक्ष चंदन यादव, रंजीत यादव, मीडिया प्रभारी कुंदन पासवान, निशांत मिश्रा, ओम प्रकाश भारती, निभा पासवान, हेमलता पासवान, आनन्द चन्द्रवंशी, सुरेश पासवान मौजूद थे।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button