पहला पन्ना

महाराष्ट्र और झारखंड में हार की बौखलाहट से बहकी बहकी बाते कर रहे हैं राहुल गांधी: उषा विद्यार्थी

पटना,19 नवंबर।मुंबई के एक होटल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर पैसा बांटने के झूठे आरोप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा किए गये हमले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता उषा विद्यार्थी ने कहा कि लगता है राहुल गांधी अपनी पार्टी के इतिहास से परिचित नहीं है। इसलिए बहकी बहकी बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों में पैसा देकर गुंडों का इस्तेमाल करने और वोट खरीदने का कांग्रेस का पुराना इतिहास रहा है। यह प्रयोग कांग्रेस देश के लगभग हर राज्य में करती आयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कुछ भी टिप्पणी करने के पहले उन्हें अपने गिरेबान झांकना चाहिए।

उषा विद्याथी ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में एनडीए की बढ़त से कांग्रेस अभी से ही बौखलाई हुई है। राहुल गांधी बौखलाहट में अनाप शनाप बोल रहे हैं। देश की जनता कांग्रेस को नकार चुकी है। झारखंड और महाराष्ट्र की जनता एनडीए के साथ खड़ी है। दोनों राज्यों में कांग्रेस और उनके सहयोगियों की शिकस्त तय है।
उन्होंने कहा कि अभी तक राहुल गांधी यह नहीं समझ पाये हैं कि देश का मिजाज क्या है। आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय रंगमंच पर एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में पहचाना जा रहा है। दुनियाभर के नेता भारत के साथ बेहतर ताल्लुकात के लिए आगे कदम बढ़ा रहा है। राहुल गांधी इस बात को दिल से स्वीकर नहीं कर पा रहे हैं इसलिए कभी विदेशों में जाकर भारत की आलोचना करते हैं तो बिना किसी ठोस तथ्य के प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपना जनाधार खो चुकी है। अपना अस्तित्व बचाने के लिए वह राज्यों में वहां के क्षेत्रीय दलों की पिछलग्गू बनी हुई है। समय की बात है भारतीय राजनीति से कांग्रेस हमेशा के लिए साफ होने वाली है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े एक सधे हुए राष्ट्रवादी नेता हैं। राजनीति में सफलता हासिल करने के लिए भाजपा गलत तरीकों का इस्तेमाल नहीं करती है। यह कांग्रेस की ही संस्कृति रही है। कहा जाता है व्यक्ति की जैसी सोच होती है दुनिया उसे वैसी ही नजर आती है। बेहतर होगा राहुल गांधी अपनी सोच को बदले, वर्ना देश की जनता उन्हें कूड़ेदान में फेंकने में देर नहीं करेगी। महाराष्ट्र और झारखंडी की जनता इसी दिशा में कदम बढ़ा रही है।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button