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मुंगेर नगर निगम की बोर्ड की हुई बैठक में वित्तीय वर्ष 2024 25 का बजट हुआ पारित

लालमोहन महाराज, मुंगेर

मुंगेर नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक हुई। इस अवसर पर नगर आयुक्त निखिल धनराज निपण्णीकर, डिप्टी मेयर मो खालिद हुसैन की उपस्थिति में वार्ड पार्षदों ने सर्वसम्मति से वित्तीय वर्ष 2024- 25 की अनुमानित प्रारंभिक शेष राशि 73 करोड़ 52 लाख रुपया ,अनुमानित प्राप्ति 189 करोड़ 72 लाख तथा कुल अनुमानित 263 करोड़ 22 लाख रुपए के प्रावधान वाला बजट मेज थपथपा कर सर्व सम्मति से पारित कर दिया। बोर्ड की हुई बैठक में अगामी वर्ष के लिए बकाया एवं चालू संपत्ति कर वसूली का लक्ष्य 7 करोड़ 22 लाख रुपए, जलकर 2 करोड़ 25 लाख,विज्ञापन कर 70 लाख 12 हज़ार, टावर कर एक करोड़ 56 लाख ,प्रोफेशन टैक्स 1 करोड़ 2 लाख, स्टांप ड्यूटी 7 करोड़ 43 लाख रुपए का प्रावधान किया गया। बैठक में बताया गया कि सड़क के किनारे लगने वाले अस्थाई दुकानों ,वाहनों ,नगर पालिका के मार्केट से किराए के रूप में नगर पालिका की संपत्ति से किराया 2 करोड़ 59 लाख रुपए के आने की संभावना व्यक्त की गई। यह भी बताया गया कि फ्री एवं यूजर चार्ज के अंतर्गत आने वाले दाखिल खारिज शुल्क ,दुकान और प्रतिष्ठान लाइसेंस शुल्क, खतरनाक और आक्रामक व्यापार के लिए लाइसेंस फीस ,जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए विलंब शुल्क, संपत्ति के प्रमाण पत्र की फीस ,नक्शा नियमन शुल्क, कर विलंबित भुगतान के लिए जुर्माना, प्लास्टिक प्रतिबंध, भवन अनुज्ञा शुल्क ,पानी के टैंकर का शुल्क, रोड कटिंग प्रभार इत्यादि से लगभग 2 करोड़ 30 लाख की आय की संभावना है। बैठक में अन्य स्रोतों से होने वाली आय की भी विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर 30 नंबर वार्ड के पार्षद राकेश नंदन ने वार्ड में होने वाले विकास योजनाओं की जांच के लिए जांच कमिटी गठित किए जाने की मांग की । उन्होंने कहा कि निम्न गुणवत्ता कार्य के जिम्मेदार लोगों पर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर वार्ड पार्षदों की छवि धूमिल होती है। बैठक में सिटी मैनेजर मो एहतसाम, अवध किशोर सिंह, लेखपाल गुड्डू सिंहा सहित अन्य थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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