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मुंगेर में टाटा मोटर्स ने लॉन्च किया कर्व

जी एम ने केक काटकर व मोमबत्ती जलाकर कर्व कार को किया लॉन्च

लालमोहन महाराज, मुंगेर

मुंगेर जिले के मुंगेर जमालपुर मुख्य मार्ग पर अवस्थित जे आर एस कॉलेज मोड़ के समीप टाटा मोटर्स के गंगा व्हीकल शो रूम में पहुंचे टाटा मोटर्स के महा प्रबंधक धीरेंद्र कुमार सिंह , सेल्स मैनेजर मनोज सिन्हा ने केक काटकर व मोमबत्ती जलाकर कर्व कार को लॉन्च किया। इस अवसर पर उपस्थित टाटा मोटर्स के पदाधिकारियों, बैंकर्स व कर्मियों ने ताली बजाकर कर्व की लॉन्चिंग का स्वागत किया .जिससे गंगा व्हीकल परिसर गुंजायमान हो उठा. शुक्रवार को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया मुंगेर मेन ब्रांच के मुख्य प्रबंधक अमित कुमार, बाजार ब्रांच के शाखा प्रबंधक प्रतीक कुमार भारती, राजन कुमार ,पंजाब नेशनल बैंक के मार्केटिंग ऑफिसर अटल प्रकाश, गंगा व्हीकल के प्रबंधक दयाशंकर पाठक सहित अन्य बैंकर्स की उपस्थिति में मुंगेर पहुंचे गंगा मोटर्स के जी एम व सेल्स मैनेजर ने केक काटकर व मोमबत्ती जलाकर कर्व को लांच किया. जी एम व सेल्स मैनेजर ने कहा कि मुंगेर में टाटा कर्व पेट्रोल में 1900 सीसी , डीजल में 2200 सीसी व ई भी में भी उपलब्ध है. उपभोक्ता ई भी को एक बार चार्ज करने के बाद 500 किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं. इसमें 6 एयर बैग है. डिक्की की क्षमता 585 लीटर है .किसी भी बैंक से फाइनेंस की सुविधा से कर्व खरीद सकते हैं . शत प्रतिशत फाइनेंस पर भी कर्व उपलब्ध है. द्वय पदाधिकारियों ने कहा कि पेट्रोल में कर्व 13 लाख रुपए से 17 लख रुपए, डीजल में 15 लाख से 21 लाख रुपए, ई भी में 17 लाख से 22 लाख रुपए में उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि इसका ग्राउंड क्लीयरेंस बेस्ट है. मजबूत है .चार मॉडलों में उपलब्ध है .इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित पवन सिंह, पंकज कुमार, शशांक शेखर, अरविंद कुमार, अमित कुमार ,शिव कुमार सहित शहर के दर्जनों बुद्धिजीवी व गण्यमान्य उपस्थित थे.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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