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मुंगेर में प्रमंडलीय आयुक्त दया निधान पांडेय ने जिला पदाधिकारियों को दिया आवश्यक दिशा निर्देश

लालमोहन महाराज ,मुंगेर।प्रमंडलीय आयुक्त दया निधान पांडेय ने प्रमंडलीय सभागार में सभी 06 जिलों के जिला पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में मनरेगा में आधार कार्ड का आच्छादन न्यूनतम 90 फीसदी और आधार के माध्यम से शत प्रतिशत भुगतान करने का निदेश दिया गया। इसी प्रकार रोजगार मांग सृजन मानव दिवस को मासिक अवसर पर समीक्षा करने को कहा गया। जॉब कार्ड सत्यापन में भी गुणवत्तापूर्ण वृद्धि करने का निदेश दिया गया। आवास बिंदु पर निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों ने इन विन्दुओं पर प्रगति की है। बिहार स्टूडेंड क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता, कुशल युवा कार्यक्रम के तहत मिलने वाले लाभों में भी प्रगति देखने को मिली। जल जीवन हरियाली अभियान में तालाबों का जीर्णोद्धार अहर, पईन एवं सार्वजनिक कुएॅ का जीर्णोद्धार, सौर उर्जा संस्थापन की समीक्षा हुई। पंचायत सरकार भवन को पूर्ण करने तथा पूर्ण होने की स्थिति में इसे कार्यशील बनाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री कृृषि सम्मान निधि योजना तथा कृषि की अन्य योजनाओं में कृषि समन्वयक को सक्रिय करने का निदेश दिया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, संस्थागत प्रसव, ओपीडी, आईपीडी में मरीजों की संख्या, अस्पतालों में जाॅच सुविधा, चिकित्सकों की उपस्थिति, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, दवाओं की उपलब्धता, रोगी कल्याण समिति के नियमित बैठक आदि की भी समीक्षा की गयी। इस अवसर पर मुंगेर जिला पदाधिकारी नवीन कुमार, जिला पदाधिकारी बेगूसराय रौशन कुशवाहा, जिला पदाधिकारी शेखपुरा सावन कुमार, जिला पदाधिकारी लखीसराय संजय कुमार सिंह, जिला पदाधिकारी खगड़िया आलोक रंजन घोष, जिला पदाधिकारी जमुई अवनीश कुमार, आयुक्त के सचिव जैनेन्द्र कुमार, उप जन सम्पर्क निदेशक दिनेश कुमार आदि उपस्थित थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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