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रितु सिंह, निसार खान और निर्देशक सुब्बाराव गोसांगी की ‘लंका में सीता’ 25 नवंबर से सिनेमाघरों में

मुंबई में हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिल्म ‘लंका में सीता’ का ट्रेलर लांच किया गया . इस मौके पर फिल्म की स्टार कास्ट और फिल्म के निर्माता निर्देशक भी शामिल हुए . फिल्म के ट्रेलर लांच के मौके पर फिल्म के रिलीज डेट की घोषणा भी की गई . फिल्म 25 नवंबर को सिनेमाघरों में दस्तक दे रही है .

ट्रेलर लांच के मौके पर रितु सिंह ने बताया ” यह फिल्म की कहानी पर से मैं अभी परदा नहीं उठा सकती लेकिन यह फिल्म बेहद ही अच्छी बनी है . साथ ही फिल्म के एक्टर निसार खान और डायरेक्टर सुब्बाराव गोसांगी के साथ काम करके बेहद ही ज्यादा अच्छा लगा.”

वही फिल्म के एक्टर निसार खान ने कहा ” सुब्बाराव सर के साथ काम करने की इच्छा काफी दिनों से थी मुझे बहुत दिनों से कोई अच्छी फिल्म नहीं मिल रही थी लेकिन जब सर ने मुझे इस फिल्म का कांसेप्ट सुनाया तो मैं तुरंत ही तैयार हो गया. फिल्म की एक्ट्रेस रितु सिंह भोजपुरी की सुपरहिट फिल्मे दे चुकी है और मुझे उनके साथ फिल्म करके काफी ख़ुशी हुई .”

फिल्म के निर्देशक ने सुब्बाराव ने भी अपनी इस फिल्म के कलाकारों की जमकर तारीफ़ की और कहा की मुझे सेट पर जिस तरह से एक्टरों से सपोर्ट चाहिए था सभी ने उसी प्रकार मुझे सपोर्ट किया है और अब मुझे पूरा यकींन है की फिल्म दर्शको का दिल जीतने में कामयाब साबित होगी.”

इस फिल्म का निर्माण तल्लापका सुरेंद्र रेड्डी Tallapaka Surendra Reddy ने किया है तो वही कई सुपर हिट भोजपुरी फिल्मो का निर्देशन कर चुके लेखक और निर्देशक सुब्बाराव गोसांगी Subbarao Gosangi है। फिल्म के डीओपी प्रकाश है तो वही संगीत का जिम्मा मशहूर निर्देशक ओम झा ने लिया है। आर्ट डायरेक्टर शेरा है तो वही दमदार एक्शन का तड़का लगाएंगे सी.ऐच रामकृष्णा, फिल्म के एडिटर है संतोष हरवाडे। फिल्म की टीम में कई लोग साउथ इंडस्ट्री से बिलोंग करते है तो यक़ीनन फिल्म में साउथ स्टाइल का तड़का तो जरूर देखने मिलेगा। इस फिल्म में अन्य कलाकारों की बात करे तो निसार खान और ऋतू सिंह के साथ फिल्म में हैरी जोश,समर्थ चतुर्वेदी ,प्रकाश जैस, मंटू लाल ,रागिनी,साइना सिंह,अजय,पूजा,मास्टर शौर्य, शांति प्रिया और ग्लोरी मोहन्ता भी नजर आएँगे। इस फिल्म के प्रचारक संजय भूषण पटियाला है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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