सफेद राख से आंतक की “कालिख”
उग्रवाद के कारणों को जानने के लिए केंद्र ने कराया मप्र के झाबुआ और अलिराजपुर का अध्ययन
भूमिका कलम, भोपाल
केंद्र सरकार द्वारा उग्रवाद के कारणों को जानने के लिए पंचायती राज विस्तारित (अनुसूचित क्षेत्र ) अधिनियम 1996 के बारे में कराये अध्ययन में मध्य प्रदेश के खतरनाक हालत के संकेत भी दिए हैं। रिपोर्ट का सेंसर किया गया हिस्सा इस बात का खुलासा करता है कि झाबुआ और अलीराजपुर जैसे आदिवासी जिलों में सिलिकोसिस के प्रकोप और उससे निपटने की नाकाफी सरकारी कोशिशों से आदिवासियों में जबरदस्त असंतोष भड़का है। कारखानों से निकलने वाली इस सफेद राख से फैली बीमारी ने वहां हिंसक गतिविधियां बढ़ाने में खासा रोल अदा किया है।
असुरक्षित आजीविका
रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्णत: आदिवासी क्षेत्र होने के बावजूद भी पंचायती राज विस्तारित (अनुसूचित क्षेत्र ) अधिनियम 1996 के सफलतापूर्वक लागू नहीं होने के कारण यहां के आदिवासियों का मजदूरी के नाम पर शोषण हो रहा है। असुरक्षित आजीविका के कारण झाबुआ और अलिराजपुर के आदिवासी मजदूरी की तलाश में गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने जाते हैं। वहां से लौटने के बाद अभी तक 500 से अधिक लोगों सिलिकोसिस के कारण मौत के मुंह में समा चुके हैं जबकि सैकड़ों लोग इस लाइलाज बीमारी से लड़ रहे हैं। मानव अधिकार आयोग में तीन साल पहले लगाई गई याचिका के बाद भी लोगों को न तो न्याय मिला ना ही कोई मुआवजा।
इलाज में बिक गई जमीन
20 साल के फूल सिंह का अंतिम संस्कार करने के बाद उसके चाचा ने बताया कि इलाज कराने में 60 हजार रूपये का खर्च किया, लेकिन अंत तक डॉक्टर कहते रहे कि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा है। इसके साथ ही मेरी जमीन भी बिक गई और भतिजा भी नहीं रहा। शोध करने वाली टीम ने किसानों की बातचीत के आधार पर यह भी लिखा कि यहां 700 से अधिक आदिवासी परिवारों के यही हालात हैं, हर घर में सफेद धूल (सिलिकोसिस) से कोई न कोई मौत हो चुकी है।
अन्य मुख्य बिंदु
– श्रम कानूनों के नियमों की निगरानी नहीं है
– सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली ठप्प है
– पीसा कानून के वाबजूद ग्राम सभा के निर्णय की अनदेखी
– रोजगार की व्यवस्था नहीं
– लोग दूसरे राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में जाने के लिए मजबूर
रिपोर्ट मौलिक एवं बढिया है, लेकिन अलीराजपुर में कोई हिंसक गतिविधि नहीं है। ऐसे में उसका उल्लेख करने की जरूरत नहीं थी।
i think only tribe is not angree all person who are aware on their right are angree with this ststem and a stick will burn it
Iski chinta karne wala kaun hai?
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