भूल गए हम एक पत्रकार,कवि और आजादी के दिवाने को
आशुतोष कुमार पांडेय, मुजफ्फरपुर
वैसे भूलने की संस्कृति हमारी पुरानी रही है। कल तक प्रभाष जोशी साथ थे, आलोक तोमर थे। लेकिन कब तक। हम...
शिक्षकों को लेकर सांप और छछूंदर की स्थिति में नीतीश हुकूमत
नियोजित शिक्षकों (ठेकेदारी प्रथा पर रखे गये) को लेकर बिहार में नीतीश सरकार की स्थिति सांप और छछूंदर वाली हो गई है, न उगलते...
सोशल मीडिया पर बिहार की राजनीति में जंग
अनिता गौतम,
सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही राजनीतिक जंग में पिछले कुछ दिनों में रोचक बातें...
वेब मीडिया की सीमा क्या हो ?
प्रसन्न कुमार ठाकुर, नयी दिल्ली,
सायं 3 बजे से आयोजित "मीडिया खबर" के तत्वाधान में "प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया" के आज के कार्यक्रम में अपने एक मित्र...
सुरेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर कूड़ा परोसता एक पत्रकारिता संस्थान
तेवरआनलाईन, पटना
बिहार में पत्रकारों की लंबी चौड़ी फौज पहले से ही सरकार की अर्दली बनी हुई है। यहां के तमाम अखबार नीतीश के गुणगान...
अखबार का वो पन्ना..!!
याद है मुझे, जब बचपन में सबसे पहले खेल-पेज को खोल के क्रिकेट की ताज़ा-तरीन ख़बरों को पढ़ता था. फिर सिनेमा, हीरो-हिरोईन की...
मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल ?
अक्षय नेमा //
हमारे संविधान में प्रत्येक भारतीय को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. यही कारण है कि भारतीय मीडिया अपने अधिकार क्षेत्र में सशक्त और...
आंदोलनों का गर्भपातगाह बना हुआ है दिल्ली!
पिछले कुछ अरसे से दिल्ली आंदोलनों का गर्भपातगाह बना हुआ है। पहले अन्ना आंदोलन, फिर बाबा रामदेव का आंदोलन, फिर अरविंद केजरीवाल का आंदोलन,...
भूमिका कलम को लाड़ली मीडिया अवार्ड
यूएनएफपीए और गैर सरकारी संगठन पॉपुलेशन फर्स्ट द्वारा आयोजित लाड़ली मीडिया अवार्ड 2010-2011 में बेस्ट इंपैक्ट स्टोरी श्रेणी के लिए पीपुल्स समाचार में प्रकाशित...