मुझे है यक़ीं , तेरे प्यार पे (कविता)
उत्तम पाल.
मुझे है यक़ीं , तेरे प्यार पे ,
ये दिल है अब तो , खुमार पे।
तुझे भूलना मुमक़िन नहीं ,
मेरा इश्क़ है , इंतज़ार...
काफिला-ए-हिजाज इस्लाम के विस्तार से जुड़ी एक रुमानी प्रेम कहानी
(पुस्तक-विवेचना)
आलोक नंदन
“काफिला-ए-हिजाज” जनाब नसीम हिजाजी द्वारा लिखित एक तारीखी नाविल है, जिसमें एक इराकी युवक हस्सान और एक ईरानी सामंत कबाद की...
सोता रहता है “जागते रहो” का संपादक (भाग-2)
कुछ खास कारणों से इस स्क्रीप्ट के दूसरे भाग को पोस्ट करने में देर हुई, इसके लिए पाठकों से क्षमा मांगता हूं।
Scene 4
Characters:...
यह युद्ध तुम्हें जीतना होगा
चंदन कुमार मिश्र
(देश में वर्षों से हिन्दी के खिलाफ चल रही साजिश पर चंदन कुमार मिश्र ने एक पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में...
राष्ट्र-धर्म (कहानी)
लगातार तीन दिनों से सिक्ख रेजिमेंट के जवान पहाड़ी नंबर 447 पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे थे परंतु जैसे ही आगे बढ़ने...
सोता रहता है “जागते रहो” का संपादक (स्क्रीप्ट शैली, भाग-1)
यह एक अखबार की कहानी है जिसका संपादक हैं चरित्र वर्मा। अखबार का नाम है जागते रहो। लेकिन चरित्र वर्मा अपनी कुर्सी पर हमेशा सोया...
काले कागज़ पे काली स्याही असर क्यों छोड़े !(कविता)
हज़ारों अर्जियों पड़ी हैं उनके मेज़ पर कब से
तेरे अर्जी की दाखिली का वक़्त कल ही आएगा..!
खड़े रहो तब-तलक, बनो कतार का हिस्सा..
थक के...
जंग खाते अतीत की चमकदार पेंटिंग
दुर्गेश सिंह, मुंबई
छुट्टी के दिन के इस कोरस को बॉलकनी में बैठकर चाय की चुस्कियों के बीच बिता देना आसान न होगा। क्योंकि कोरस...