पल पल में अब बनेगा तेरा कल… (कविता)
दीपशिखा शर्मा
कुछ जिंदगी के पल…
सपने बुनते – बुनते हमको कहते हैं कि चल
कुछ जिंदगी के पल…
कह गए मेहनत कर , बेहतर होगा तेरा कल।
कुछ...
जिय रजा कासी !
काशीनाथ सिंह का उपन्यास अपना मोर्चा जब पढा था तब पढता था और उस का ज्वान उन दिनों रह रह आ कर सामने खडा...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-6)
फ्री-स्टाइल में होता था फैटा-फैटी
घिच-पिच आबादी वाली बस्ती कई मायनों में बच्चों को समृद्ध करती हैं, और उनके अंदर व्याप्त सहज गुणों को...
सिताब दियारा की अतृप्त यात्रा
( विरेन्द्र कुमार यादव ) लोकनायक जयप्रकाश नारायण का पैतृक गांव सिताब दियारा का कुछ हिस्सा बिहार में है अधिकांश उत्तर प्रदेश में ।...
कहने में भेद हैं, भ्रम हैं..’बनने’ में आडंबर है, इनका ‘होना’...
अरुण प्रकाश, पूर्व शैक्षणिक सलाहकार, अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
आचार्य रजनीश की आज जयंती है। मुझे यही नाम अच्छा लगता है, आचार्य रजनीश। वही पन अच्छा...
अनमोल होते हैं भाई-बहन के रिश्ते
वीरेन्द्र कुमार//
कुछ रिश्ते विरासत में मिलते हैं जो जन्म से निर्रधारित होते हैं, कुछ रिश्ते बनाये जाते हैं पर अटूट हो जाते हैं, भाई...
नये साल पर ‘बेवफा सनम’ हुआ मौसम !
नव वर्ष 2012 के पहले ही दिन तापमान में भारी गिरावट और हल्की बूंदा-बांदी के बीच मौसम ने लोगों के जश्न के उत्साह को...
कनवा के बिना रहा ना जाये – कनवा का देखे मूढ़...
:भरत तिवारी "शजर"//
और यही हाल है फेसबुक का | एक समय था कि लोग रोज कसम खाते थे, कि कल से शराब...
पटना को मैंने करीब से देखा है (पार्ट-1)
(दिल्ली, जम्मू, पंजाब और मुंबई जैसे शहरों में लंबे समय तक भटकने के दौरान पटना की बहुत याद आती रही। जिंदगी और खुली आंखों...
शहीद भगत सिंह में न तो ग्लैमर है, न मार्केट वैल्यू,...
चंदन कुमार मिश्र, पटना
23 मार्च 2011 को हमारे देश की संसद में यह तय किया जा रहा था कि कौन सा पक्ष ज्यादा दोषी...