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Saturday, April 20, 2024
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अदम गोंडवी की पांच गजलें

काजू भूनी प्लेट में, व्हिस्की गिलास में/ राम राज्य आया है विधायक निवास में, जैसे शेर लिखने वाले अदम गोंडवी वास्तव में दुष्यंत कुमार...

बेनी की बेलगाम बयानबाज़ी के मायने और बहाने

जैसे हिंदी फ़िल्मों से अब कहानी गुम है, वैसे ही अब राजनीति से विचार गुम हैं। सामाजिक न्याय की राजनीति ने इस विचारहीन राजनीति...

चल मां के दरबार में (कविता)

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राजेश वर्मा, चल रे साथी..हाथ जोड़ ले मां के दर्शन कर ले धुल जाएंगे पाप तेरे क्यूं मोह-माया में भटके चल रे साथी...ओ साथी...... जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे... जीवन...

जो सुनायेगा दिखायेगा,वही बच पायेगा

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सुधीर राघव क्या जो बांचा जाए सिर्फ वही साहित्य है? क्या जो लिखे वही लेखक है? क्या जो बोले वही वक्ता है? क्या जो प्रस्तुत...

1857 के महासमर के प्रथम राष्ट्रगीत के रचनाकार – अजीमुल्लाह खान

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1857 के महासमर के महान राजनीतिक प्रतिनिधि और प्रथम राष्ट्रगीत के रचनाकार  उनका जीवन ब्रिटिश राज के विरुद्ध संघर्ष में बीता और उनका उद्देश्य...

कैसे दे हंस झील के अनंत फेरे, पग-पग पर लहरें जब...

हिंदी गीतों का इतना बड़ा मछेरा आज के दिन तो कोई और नहीं मिलेगा ! हिंदी गीतों का ऐसा राजकुमार, ऐसा हंस दुर्लभ है बुद्धिनाथ मिश्र...

दुराचार का समाधान कैब कंपनी पर बैन नहीं हो सकता

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(इष्टदेव सांस्कृतायन के फेसबुक वाल से) यह सही है कि लड़कियों के साथ आए दिन हो रही दुराचार की घटनाओं का स्थायी समाधान कैब कंपनी...

का हो अखिलेश, कुछ बदली उत्तर प्रदेश !

प्रिय अखिलेश जी,  आप जानते ही हैं कि हमारे देश के लोग और खास कर उत्तर प्रदेश के लोग साक्षरता से ले कर रोजगार तक...

यह तुम्हारे नयन हैं, या नयनाभिराम कोई भवन (कविता)

पचास पार की तुम और जाने कितने समंदर सोखे तुम्हारी यह आंखें जैसे बिजली का एक नंगा तार हैं कि तुम्हारी आंखें हैं इस उम्र में भी आग बन जाती...