अदम गोंडवी की पांच गजलें
काजू भूनी प्लेट में, व्हिस्की गिलास में/ राम राज्य आया है विधायक निवास में, जैसे शेर लिखने वाले अदम गोंडवी वास्तव में दुष्यंत कुमार...
का हो अखिलेश, कुछ बदली उत्तर प्रदेश !
प्रिय अखिलेश जी,
आप जानते ही हैं कि हमारे देश के लोग और खास कर उत्तर प्रदेश के लोग साक्षरता से ले कर रोजगार तक...
रिसेशन के बाद आर्ट मार्केट में बूम
उत्तमा दीक्षित
आर्ट वर्ल्ड में एक बार फिर बूम है। रिसेशन के बाद आर्ट मार्केट ने उबरने में बेशक समय लिया, लेकिन सिचुएशन ज्यादा अच्छी...
अब तो ‘राइट’ हो जाओ लेफ्ट
नवीन पाण्डेय, नई दिल्ली
यह तो अब सभी जान गए हैं कि बंगाल में बदलाव की बयार चली और ममता बनर्जी की आंधी में लेफ्ट...
बहुत परेशान करती हैं मान्यताएं
एक किस्सा सुना रहा हूं। एक गांव के किनारे की सड़क से पति-पत्नी लड़ते हुए गुजर गए। उन दोनों को लड़ते हुए गांव के...
यह तुम्हारे नयन हैं, या नयनाभिराम कोई भवन (कविता)
पचास पार की तुम
और जाने कितने समंदर सोखे
तुम्हारी यह आंखें
जैसे बिजली का एक नंगा तार हैं
कि तुम्हारी आंखें हैं
इस उम्र में भी
आग बन जाती...
रेखा : शोख हसीना के विरह गीत
पहले शोख फिर सेक्स बम से अभिनय की बढ़त बनाने वाली रेखा की शोहरत एक संजीदा अभिनेत्री के सफ़र में बदल जाएगी यह भला...
“लोग भूल गये ,हिन्दी चित्रपट में चित्रगुप्त का संगीत “
--रविराज पटेल,
तड़पाओगे तड़पा लो हम तड़प तड़प कर भी तुम्हारे गीत गायेंगे... (बरखा- १९५९ ) ऐसे गीतों को मर्म संगीत से चित्रगुप्त ही सजा...
हिंसा के पेट से हिंसा ही जन्म लेगी
हिंसा से प्रतिहिंसा, प्रतिहिंसा की प्रतिक्रिया- यह आतंकवाद की शृंखला है। धर्म के नाम पर ऐसा आतंकवाद दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है...
बेनी की बेलगाम बयानबाज़ी के मायने और बहाने
जैसे हिंदी फ़िल्मों से अब कहानी गुम है, वैसे ही अब राजनीति से विचार गुम हैं। सामाजिक न्याय की राजनीति ने इस विचारहीन राजनीति...