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Friday, March 29, 2024
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हिंसा के पेट से हिंसा ही जन्म लेगी

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हिंसा से प्रतिहिंसा, प्रतिहिंसा की प्रतिक्रिया- यह आतंकवाद की शृंखला है। धर्म के नाम पर ऐसा आतंकवाद दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है...

कैसे दे हंस झील के अनंत फेरे, पग-पग पर लहरें जब...

हिंदी गीतों का इतना बड़ा मछेरा आज के दिन तो कोई और नहीं मिलेगा ! हिंदी गीतों का ऐसा राजकुमार, ऐसा हंस दुर्लभ है बुद्धिनाथ मिश्र...

उत्तर आधुनिक शिक्षा में मटुकवाद

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हरिशंकर राढ़ी (यह व्यंग्य समकालीन अभिव्यक्ति के जनवरी -मार्च 2010 अंक में प्रकाशित हुआ था ।) वाद किसी भी सभ्य एवं विकसित समाज की पहचान होता...

यह तुम्हारे नयन हैं, या नयनाभिराम कोई भवन (कविता)

पचास पार की तुम और जाने कितने समंदर सोखे तुम्हारी यह आंखें जैसे बिजली का एक नंगा तार हैं कि तुम्हारी आंखें हैं इस उम्र में भी आग बन जाती...

क्या समाज में अमीरी — गरीबी दैवीय प्रतिफल है ?

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आधुनिक समाज में  अमीरी की सीढियों पर लोगो को चढ़ते देखकर कोई भी समझ सकता है की यह न तो किसी दैवीय शक्ति का...

बहुत परेशान करती हैं मान्यताएं

एक किस्सा सुना रहा हूं। एक गांव के किनारे की सड़क से पति-पत्नी लड़ते हुए गुजर गए। उन दोनों को लड़ते हुए गांव के...

“लोग भूल गये ,हिन्दी चित्रपट में चित्रगुप्त का संगीत “

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--रविराज पटेल, तड़पाओगे तड़पा लो हम तड़प तड़प कर भी तुम्हारे गीत गायेंगे... (बरखा- १९५९ ) ऐसे गीतों को मर्म संगीत से चित्रगुप्त ही सजा...

पत्थर की खादानों में लाश बिछाते नौकरशाही, सफेदपोश व खनन माफिया

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शिव दास   गरीबी, बेरोजगारी, जिम्मेदारी और लाचारी से बेहाल विंध्य क्षेत्र के आदिवासियों की संस्कृति का अस्तित्व खतरे में है । लाल किले पर अपनी...

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एन.एस.डी.) में बिहार के प्रथम छात्र प्यारे मोहन...

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- रविराज पटेल, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एन.एस.डी.) दिल्ली की स्थापना सन 1959 ई. में संस्कृति मंत्रालय ,भारत सरकार के स्वायत्त संस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा...

रेखा : शोख हसीना के विरह गीत

पहले शोख फिर सेक्स बम से अभिनय की बढ़त बनाने वाली रेखा की शोहरत एक संजीदा अभिनेत्री के सफ़र में बदल जाएगी यह भला...