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Saturday, April 20, 2024
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लिटरेचर लव

दि लास्ट ब्लो (उपन्यास, चैप्टर 3)

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आलोक नंदन शर्मा 3. पुनाईचक में अंग्रेजी पढ़ने वाले लड़कों की टीम तैयार करना टेड़ी खीर थी। यह इलाका यादवों का था। बगल में सचिवालय होने...

रिश्तों को यूँ तोड़ते, जैसे कच्चा सूत

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// रघुविन्द्र यादव // रिश्तों को यूँ तोड़ते, जैसे कच्चा सूत. बंटवारा माँ-बाप का, करने लगे कपूत. स्वार्थ की बुनियाद पर, रिश्तों की दीवार. कच्चे धागों की तरह,...

दि लास्ट ब्लो (उपन्यास, चैप्टर 4)

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आलोक नंदन शर्मा दिवाकर के सामने फिल्मों की एक नई दुनिया खुलती चली गई। उसकी नजर शहर की सड़कों पर फिल्मी पोस्टरों पर होती थी।...

दि लास्ट ब्लो (उपन्यास, पार्ट- 1)

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आलोक नंदन शर्मा चैप्टर 1 संस्थान से पचास लोगों को नौकरी से हटाने की अफवाहें देशभर के ब्रांचों में अंदर ही अंदर तेजी से फैल रही...

…Oh! still I love you ( a story)

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Alok nandan I am not Voltaire; and you are not Marquise Du Chatelet. But to me you are not less than Chatelet, although we have...

इस्लाम की बेहतरीन समझ देता “अंडरस्टैंडिंग इस्लाम”

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दुनिया में इस्लाम को देखने और समझने के दो नजरिये मौजूद हैं, एक इस्लामिक और दूसरा गैर इस्लामिक। इस्लाम के दायरे में जीवन व्यतीत...

क्रांति का चोता (कहानी)

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क्रांति का चोता  (कहानी) आलोक नंदन शर्मा घर के सामने बजबजाती हुई छोटी सी नाली पर दोनों तरफ पैर करके दंगला अभी टट्टी करने बैठा ही...

दारू की तलब

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आलोक नंदन रात के बारह बज रहे थे। बोतल खाली हो चुकी थी, लेकिन प्यास अभी पूरी तरह से बुझी नहीं थी। खाली बोतल को...

शिकार (कहानी)

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दफ्तर से निकल कर सिगरेट सुलगाने के बाद सड़क के किनारे कुछ कदम चलते ही मुझे बगल वाले बड़े से नाले में कोई चीज...

आठवीं घंटी का विद्यार्थी हूँ (कविता)

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.....अखौरी प्रभात क्योंकि स्कूल का अनुशासन 7 वीं तक है मेरे जीवन के विद्यालय में न हाजिरी कटने का भय न फ्लेड - फाईन का संशय न फेल होने...