लिटरेचर लव
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भारतीय कोशकारिता में तीन परिवर्तनकारी क़दम !
अरविंद कुमार ने अभी अभी भारतीय कोशकारिता में तीन परिवर्तनकारी क़दम उठाए हैँ. शुरू से ही कुछ नया करते रहने…
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बाइट्स, प्लीज (उपन्यास, भाग-15 )
30. दफ्तर के अंदर 23 तारीख की सुबह को जब लोगों को पता चला कि रत्नेश्वर सिंह आ रहे हैं,…
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‘मैं खुश हूँ औजार बन तू, तू ही बन हथियार…’
चाणक्य ने कहा था अगर किसी राष्ट्र को सम्पूर्ण वैभव देना हो तो उसकी संस्कृति और शिक्षा पे ध्यान देने…
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भूख खबर मवाद
भरत तिवारी ‘शजर’, खबर भूख की भूखों की भूख बेचने वालों की नंगों की नंगे होतों की नंगे करे जातों…
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संघर्ष (कविता)
…….सुशीला के सी आस्था, आओ अंधेरे दूर करें लिए मशालें थाम गर मंजिल पाना है सपने गढ़े महान नये संघर्ष,…
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मार्कण्डेय: प्रखर विद्रोही जो जीवन के अंतिम समय तक संघर्ष करता रहा
मेरी हवाओं में रहेगी, ख़यालों की बिजली, यह मुश्त-ए-ख़ाक है फ़ानी, रहे रहे न रहे।…………………भगत सिंह आजमगढ़ 2007 की शाम…
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सार्क साहित्य सम्मेलन में मोहब्बत की खुशबू
आगरा। यदि इरादे नेक हों तो दिल की जुबान एक-दूसरे को समझने के लिए काफी होती है। सार्क साहित्य उत्सव…
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बांस गांव की मुनमुन (पुस्तक समीक्षा)
समीक्षक: अनिता गौतम, “पति छोड़ दूंगी पर नौकरी नहीं…” यूं तो पूरा उपन्यास इन चंद शब्दों में ही सिमटा है।…
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“तुम्हारा स्थान” (कविता)
अक्षय नेमा// तुम जान सकती हो मेरे अन्दर की ज्वाला को, देख सकती हो भड़कते हुए अंगारे, और छू सकती हो मेरे…
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देवताओं की साजिश (कहानी)
मेरा बचपन किताबों से खेलता रहा, किताबों में सोता रहा, किताबों में जागता रहा। मेरे पिता ब्रजभाषा के विद्वान् थे,…
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