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भीषण सर्दी में लायंस क्लब ने मोतिहारी में जरूरतमंदों को बांटे कंबल

तेवर आनलाइन संवाददाता, मोतिहारी। loins club :


भीषण सर्दी का सितम जारी है। शीतलहरी एवं कपकंपाती ठंड को देखते हुए ईस्ट चंपारण लायंस क्लब ने मानव सेवा के लिए जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किया। बढ़ते ठंड में गरीबों एवं असहायों की जिंदगी लगभग ठीठुर सी जाती है। ऐसे में कंबल देकर क्लब अपना कर्तव्य निभा रहा है।

मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा

loins club : अध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह एवं सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि दुनिया में मानव सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। इसके तहत क्लब कई सारे कार्य करता है। इसी कड़ी में भीषण ठंड में क्लब के सदस्यों ने रात्रि 9:00 बजे से निकलकर शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर चिन्हित कर लोगों को कंबल दिया। साथ ही बापूधाम रेलवे स्टेशन पर घूम-घूम कर सोए हुए यात्री जो पतले चादर में ठिठुर रहे थे, उन्हें क्लब के सदस्यों ने कंबल ओढ़ाया।

loins club

जारी रहेगा कार्यक्रम

जोनल चेयरपर्सन लायन सुधांशु रंजन ने बताया कि लायंस इंटरनेशनल के संस्थापक लायन मेल्विन जोंस के जन्मदिन पर क्लब द्वारा कंबल बांटने का कार्यक्रम क्लब के सदस्यों के द्वारा किया गया। कोषाध्यक्ष लायन अमित सेन ने बताया कि आगे भी इस ठंड में बहुत जल्द जगहों को चिन्हित कर जरूरतमंदों को कंबल वितरण किया जाएगा।

इन लायन सदस्यों ने किया सहयोग

loins club :  कंबल वितरण कार्यक्रम में जोनल चेयरपर्सन लायन सुधांशु रंजन, अध्यक्ष लायन सुजीत कुमार सिंह, सचिव लायन सुधीर कुमार गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष लायन अमरनाथ साहू, वरीय सदस्य लायन सुधांशु सिन्हा, पूर्व सचिव लायन रामप्रकाश सिन्हा, लायन लोकेश गुप्ता, लायन डॉक्टर सच्चिदानंद पटेल, लायन पवन पुनीत चौधरी, लायन निलेश रंजन, लायन सुमन कुमार, लायन पंकज कुमार, लायन आदित्य कुमार सिंह, लायन मोबीन अहमद, लायन सोनल सारस्वती, लायन संजीव कुमार, लायन विजय कुमार सिंह, लियो क्लब अध्यक्ष आशुतोष कुमार एवं लियो क्लब कोषाध्यक्ष अर्जुन सरदार की उपस्थिति रही और सबका कंबल बांटने में सहयोग मिला।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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