लिटरेचर लव

अभिनेता संजय मिश्रा ने किया ममता मेहरोत्रा की पुस्तक का विमोचन

गंगा किनारे ग़ज़ल पुकारे का दूसरा दिन

शायरों ने सुनाए मोहब्बत के तराने

ग़ज़ल के इश्क में डूबे पटनावासी

पटना। थॉट्स एन इंक तथा बंधु इंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित गंगा किनारे ग़ज़ल पुकारे कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रसिद्ध अभिनेता संजय मिश्रा की उपस्थिति ने पूरे माहौल को गुलजार कर दिया। मौके पर उन्होंने उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, वरिष्ठ शायर डॉ कासिम खुर्शीद, युवा शायर समीर परिमल, स्कॉलर्स अबोड स्कूल की निदेशक डॉ बी प्रियम, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राजीव रंजन के साथ वरिष्ठ लेखिका ममता मेहरोत्रा की नई पुस्तक “एंपावरिंग इंडियन विमेन” का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि भारत में हमें यत्र नारी पूज्यंते रमंते तत्र देवता का मंत्र पढ़ाया जाता है। नारी मां भी है, बहन भी है, पत्नी भी है और बेटी भी है। फिर भी शोषण और दमन का शिकार है। ऐसे में लेखिका ममता मेहरोत्रा को उनके शोषण की दास्तान लिखनी पड़ी है। यह स्थिति पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। लेखिका ममता मेहरोत्रा ने कहा कि उन्होंने गया प्रवास के दौरान पहली बार महिला हेल्पलाइन की शुरूआत की। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र की महिलाओं की बदहाल स्थिति में सुधार के लिए अपने स्तर पर तथा संस्थागत स्तर पर अनेक प्रयास किए। उस दौर में प्राप्त अनुभवों के आधार पर ही उन्होंने किस पुस्तक की रचना की है।
पुस्तक विमोचन के बाद गजलों का दौर चालू हुआ जिसमें देश के अनेक नामचीन शायरों ने अपनी गजलों का पाठ किया। गजल पाठ करने वालों में नाम सुभाष पाठक ज़िया, पुष्पेंद्र पुष्प, गौरव त्रिवेदी, शिवम सोनी, शंकर कैमुरी, सरोज झा झारखंडी, देश दीपक, सुनील कुमार, तलत परवीन, शमा कौसर, पूनम सिन्हा, राज कांता, रूबी भूषण, दिलशाद नजमी आदि शामिल रहे। संस्था की ओर से सभी आमंत्रित शायरों को स्मृति चिह्न देते हुए सम्मानित किया गया। बिहार के बाहर से आए शायरों ने कहा कि जिस प्रकार का सम्मान उन्हें पाटलिपुत्र की धरती पर प्राप्त हुआ, उसे वह सहेज कर अपने पास रखेंगे। शायरों के लिए मोहब्बत ही सबसे बड़ी पूंजी है। पूरा आयोजन मोहब्बत के ही नाम रहा। पूरे आयोजन को सफल बनाने में अविनाश बंधु, अभिषेक शंकर, पीयूष श्रीवास्तव, अनुराग समरूप, वंदना सिन्हा, ज्योति दास, फोटोग्राफर अजीत शर्मा, अदिति सिन्हा, राकेश कुमार आदि की मुख्य भूमिका रही। मौके पर लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत, हिना रिजवी, सुनील कुमार, दीप श्रेष्ठ सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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