हार्ड हिट

खनन माफियाओं के दबाव में सोनभद्र के जिलाधिकारी सुभाष एल.वाई का तबादला

शिव दास, सोनभद्र

समाजवाद की राह पर चलने और सामाजिक न्याय दिलाने का ढिंढोरा पीटने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार में ईमानदार और मेहनतकश अधिकारियों को ईनाम के रूप में तबादला हासिल हो रहा है। इसका जीवंत उदाहरण उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार द्वारा सोनभद्र के जिलाधिकारी सुहाष एल.वाई को उनके पद से हटाकर प्रतीक्षारत सूची में डालना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सुहाष एल.वाई. को सोनभद्र के जिलाधिकारी पद से हटा दिया। शासन के इस कदम से जनपद के मूल बाशिंदों को मायूसी हाथ लगी है, जबकि खनन माफियाओं और उनके संरक्षक सफेदपोशों के चेहरे खिल उठे हैं।

गौरतलब है कि कुपोषण, भुखमरी, प्रदूषण और पेयजल की किल्लत आदि समस्याओं से जूझ रहे सोनभद्र के बाशिंदों को सुहाष एल.वाई. के रूप में अरसे बाद एक जिलाधिकारी मिले थे, जो अपनी ईमानदारी और मेहनत के बल पर कम समय में ही उनके दिलों में अपनी जगह बना ली थी। 27 फरवरी, 2012 को जनपद के बिल्ली-मारकुंडी खुनन क्षेत्र में स्थित शारदा मंदिर के पीछे हुए हादसे में करीब एक दर्जन मजदूरों की मौत के बाद सुहाष एल.वाई ने जिस तरह से अवैध खनन के खिलाफ अपना रुख अख्तियार किया, वह आम आदमी के बीच प्रशंसा का विषय बन गया था, लेकिन खनन माफियाओं और उनको संरक्षण प्रदान कर रहे सफेदपोशों के लिए सिरदर्द। ऐसे सफेदपोशों में प्रदेश की सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े राजनेता भी शामिल हैं। इनमें कुछ तो समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिश्तेदार भी हैं। हालांकि वे इन दोनों नेताओं के खुद के परिवार के नहीं हैं। सुहास एल.वाई. के तेवर को देखकर खनन माफियाओं और उनको संरक्षण प्रदान कर रहे सफेदपोशों की चिंताएं बढ़ गई थीं और वे उनपर शासन से दबाव बना रहे थे।

जैसे-जैसे खनन हादसे की जांच आगे बढ़ रही थी, वैसे-वैसे खनन माफियाओं और उनके संरक्षक नौकरशाहों व सफेदपोशों के दिलों की धड़कनें तेज हो रही थीं। ऐसे नौकरशाहों में एक लखनऊ के पंचम तल में बैठे सोनभद्र के पूर्व जिलाधिकारी पनधारी यादव भी हैं, जिनके कार्यकाल में यहां पत्थर की खदानें मौत का कुआं बन गईं और जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड सरीखी कंपनियां सैकड़ों एकड़ वनभूमि की मालिक। सोनभद्र की खनिज संपदा को लूटने वाले भू-माफियाओं, खनन माफियाओं, भ्रष्ट नौकरशाहों और उनके संरक्षक सफेदपोशों का गुट हर हालत में सुहाष एल.वाई. को सोनभद्र के जिलाधिकारी पद से हटाकर जनपद में अवैध खनन के कारोबार को शुरू कराना चाहता था, जिसे फरवरी महीने में हुए खनन हादसे के बाद बंद कर दिया गया था। आखिरकार शुक्रवार को वे अपने मंसूबे में कामयाब हो गए। गरीबों और किसानों को हितैषी बताने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार ने शुक्रवार को सुहाष एल. वाई को सोनभद्र के जिलाधिकारी पद से हटा दिया, क्योंकि अगर सरकार 30 सितंबर, 2012 तक उनको नहीं हटा पाती तो चुनाव आयोग के निर्देशानुसार उन्हें उस समय तक नहीं हटा पाती जबतक राज्य में निर्वाचन आयोग का अभियान चलता। अखिलेश सरकार ने अपने इस कदम से यह साफ कर दिया है कि वास्तव में एक ईमानदार और कर्मठ अफसर पर माफिया और पूंजीपति भारी हैं।

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