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जब बिहार आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा: पीएम नरेंद्र मोदी

सदन में हमारा व्यवहार और कर्तव्य जितना अच्छा होगा जनता में उतना उसका प्रभाव होगा: प्रधानमंत्री मोदी

दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है,अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुंचना है

पटना | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के देवघर से वायुसेना के विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचे हैं. एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया. प्रधानमंत्री मोदी यहां बिहार विधानसभा की शताब्दी वर्ष समापन समारोह में हिस्सा लेने आए हैं. यह पहली बार है जब आजादी के 75 वर्षों में देश का कोई प्रधानमंत्री बिहार विधानसभा आया है.
बिहार विधानसभा पहुंचने पर विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पीएम नरेंद्र मोदी को विधानसभा का भ्रमण करवाया और उसके बारे में जानकारी दी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा शताब्दी स्तंभ का अनावरण किया. साथ ही प्रधानमंत्री ने विधानसभा परिसर में कल्पतरु का वृक्ष भी लगाया है. उन्होंने बिहार विधानसभा के संग्रहालय का शिलान्यास भी किया ॰
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब बिहार आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सौ साल की यह यात्रा आने वाले सौ साल के लिए ऊर्जा का स्रोत बने.आज भारत वैश्विक पटल पर जो कीर्तिमान साबित कर रहा है ॰ उसके पीछे कोटि-कोटि भारत वासियों की कर्तव्यनिष्ठा है. लोकतंत्र में हमारी सदन जनता की भावना को प्रदर्शित करते हैं. इसलिए सदन के सदस्यों का आचरण और स्वभाव महत्वपूर्ण है. सदन में हमारा व्यवहार और कर्तव्य जितना अच्छा होगा जनता में उतना उसका प्रभाव होगा ॰
हमें अपने कर्तव्यों को अपने अधिकारों से अलग नहीं मानना चाहिए. हम अपने कर्तव्यों के लिए जितना परिश्रम करेंगे, हमारे अधिकारों को भी उतना ही बल मिलेगा. हमारी कर्तव्य निष्ठा ही हमारे अधिकारों की गारंटी है ॰ उहोने कहा कि दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है. और भारत के लिए ये सदी कर्तव्यों की सदी है. हमें इसी सदी में, अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुंचना है. इन लक्ष्यों तक हमें हमारे कर्तव्य ही लेकर जाएंगे. इसलिए, ये 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने का साल हैं॰नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद ने 1500 से ज्यादा कानूनों को खत्म किया है. इन कानूनों से लोगों को दिक्कत होती थी, उसका समाधान हुआ और लोगों का विश्वास बढ़ा. राज्यों में भी कई कानून हैं जिनको देखने की जरूरत है.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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