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जमीयतुल उल्मा ने 24 को पटना में होने वाले कॉन्फ्रेंस को सफल बनाने का किया आह्वान

लालमोहन महाराज, मुंगेर

जमीयतुल उल्मा हिन्द मुंगेर के जिला महासचिव अब्दुल्लाह बुखारी ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि अगामी 24 नवंबर को बापू सभागार गांधी मैदान पटना में होने वाले संविधान की रक्षा एवं राष्ट्र की एकता कॉन्फ्रेंस को सफल बनाने के लिए मुंगेर जिले के विभिन्न प्रखंडों से हजारों की संख्या में लोग पटना पहुंचें. उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां संविधान के अनुसार सभी धर्म के लोगों को धार्मिक पहचान के साथ रहने एवं अपनी सामाजिक जीवन को गुजारने का अधिकार प्राप्त है . उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में संविधान में हस्तक्षेप किया जा रहा है एवं वक्फ बोर्ड के नियमों को बदलने की कोशिश की जा रही है. श्री बुखारी ने यह भी बताया कि जमीयतुल उल्मा बिहार संविधान की रक्षा एवं लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए अगामी 24 नवंबर को बापू सभागार गांधी मैदान पटना में व्यापक आमसभा आयोजित करने जा रहा है .इसकी अध्यक्षता मौलाना सैयद अरशद मदनी करेंगे. सभा के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे.जमीयतुल उल्मा हिन्द भारत का वह संगठन है जो पूरे देश में अपनी सेवा बगैर किसी भेदभाव के मानवता के उद्देश्य से कार्य कर रहा है .इस संगठन की स्थापना सन 1919 में हुई .वर्तमान समय में देश में नफरत एवं धार्मिक उन्माद का माहौल पैदा किया जा रहा है .जिससे आपसी भाईचारा बिगड़ता जा रहा है. इस स्थिति में देश का विकास एवं प्रगति बाधित हो रहा है. समाज के बुद्धिजीवी वर्गों का दायित्व बनता है कि वह आगे आए और देश के बिगड़ते हुए सद्भाव को बचाने का काम करें. इस अवसर पर अधिवक्ता मो जहांगीर, पूर्व प्राचार्य डॉक्टर मंसूर अहमद नियाजी, मो जियाउर रहमान, मो अब्बास अली, मो शाहिद अख्तर सहित अन्य थे.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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