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नाइजीरिया में बोका हराम का कहर
नाइजीरिया में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन बोका हराम का कहर जारी है। हाल ही में नाइजीरिया के पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक मस्जिद में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर बोका हराम के सदस्यों ने 44 मुसलमानों को हलाक करके सिद्ध कर दिया है कि अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए उन्हें मुसलमानों का खून बहाने से भी गुरेज नहीं है। 2009 के बाद इस कट्टरवादी संगठन पर हजारों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने का आरोप है। इस ताजातरीन घटना के बाद से नाइजीरिया में बोका हराम की भूमिका पर फिर से बहस छिड़ गई है। कई मुस्लिम संगठन भी इस कायराना हरकत के लिए बोका हराम की जोरदार आलोचना करते हुये वहां की हुकूमत से इस संगठन पर चौतरफा हमला करने की अपील कर रहे हैं ताकि नाइजीरिया में जारी इस खूनी खेल का अंत हो। यह घटना नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी राज्य बोर्नो के कौनडूगा क्षेत्र में हुई, जो राज्य की राजधानी मैदूगुरी से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बोका हराम नाइजीरिया की सरकार का तख्ता पलट कर उत्तरी क्षेत्र में इस्लामी राज्य की स्थापना करना चाहता है और इसके लिए वह किसी भी सीमा तक जाने के लिए तैयार है। नाइजीरिया सरकार ने मई में देश के तीन पूर्वोत्तर राज्यों में इस्लामी चरमपंथियों से लड़ने के लिए आपातस्थिति लागू कर दी थी। इससे बौखला कर बोका हराम के सदस्य निर्दोष मुलसमानों को लगातार निशाना बना रहे हैं। पिछले कुछ अरसे से इस संगठन द्वारा मस्जिदों को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है।
पाश्चात्य शिक्षा हराम है का नारा
बोका हराम पाश्चात्य शिक्षा का विरोधी है। इसका नारा है पाश्चात्य शिक्षा हराम है। यह संगठन खासतौर पर नाइजीरिया के पूर्वोत्तर इलाकों में सक्रिय है। यह एक कट्टरवादी इस्लामिक संगठन है, जो मानव निर्मित कानूनों का सख्त विरोध करते हुये नाइजीरिया में इस्लामिक कानूनों को पूरी तरह से लागू करने पर तुला हुआ है। इस संगठन की स्थापना मोहम्मद यूसुफ ने 2001 में की थी। अपने स्थापनाकाल के बाद से ही इसने इसाइयों और उनके चर्चों के साथ-साथ स्कूलों पर भी हमला करना शुरू कर दिया था। यह संगठन इस्लाम के शुद्धीकरण पर जोर देता है। अपने मकसद को हासिल करने के लिए अबतक इस संगठन द्वारा नाइजीरिया में दस हजार लोगों की हत्या की जा चुकी है। यूसुफ के बारे में कहा जाता है कि वह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने वाला एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति था और आलीशान तरीके से जिंदगी बसर करता था। वर्ष 2002 में उसने आधिकारिक रूप से इस संगठन की स्थापना की थी। प्रारंभिक दौर में उसने बोर्नो सूबे में एक मस्जिद और एक स्कूल की स्थापना की थी, जहां पर गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते थे। इस स्कूल में बहुत जल्द ही बच्चों को कट्टर इस्लामिक शिक्षा दी जाने लगी और देखते ही देखते यूसुफ के समर्थकों की संख्या बढ़ने लगी। इसके बाद यूसुफ पुलिस और राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर मुखर होने लगा। गरीबी और बेरोजगारी से परेशान युवाओं की एक अच्छी-खासी फौज उसके पीछे खड़ी हो गई। यूसुफ मगरबी शिक्षा की जोरदार मुखालफत किया करता था। उसका मानना था कि नाइजीरिया में मगरबी शिक्षा की कोई जरूरत नहीं है। यह शिक्षा लोगों को भ्रष्ट कर रही है।
और खतरनाक साबित हुआ अबूबकर
शुरुआती दौर में यूसुफ ने लोगों को मानसिक तौर पर वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया। जब सदस्यों की तेजी बढ़ने लगी तो उन्हें संगठित करके उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा। जब इसकी भनक सरकार को लगी तब जांच पड़ताल की प्रक्रिया शुरू हुई। इस संगठन पर नियंत्रण करने के लिए जब नाइजीरिया सरकार की तरफ से कार्रवाई शुरू हुई तो इसका जोरदार प्रतिरोध किया गया। बाउची में संगठन के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद से खूनी खेल खुल कर शुरू हो गया। फौजी कार्रवाई में सात सौ लोग हलाक हुये। दोनों तरफ से जमकर लड़ाई हुई। यूसुफ भी मारा गया। नाइजीरियाई हुकूमत को लगा कि यूसुफ के हलाक होने के बाद अब इस संगठन का खात्मा हो जाएगा लेकिन जल्द ही यह भ्रम टूट गया।
बोका हराम के सदस्य अब अपनी रणनीति में तब्दीली करते हुये आंतकी हमला करने लगे। वर्ष 2011 के बाद से एक के बाद एक कई आतंकी हमलों को अंजाम देकर नाइजीरियाई हुकूमत की नींद उड़ा दी। यूसुफ की मौत के बाद संगठन की कमान अबूबकर शेखू ने संभाल ली थी और वह कई मायनों में यूसुफ से भी ज्यादा खतरनाक साबित हुआ। नाइजीरिया में तो उसने अपनी मुहिम को तो तेज किया ही, दुनिया के मुखतलफ हिस्सों में जारी कट्टरवादी इस्लामिक संगठनों से भी उसने राब्ता बनाया और उन्हें नाइजीरिया में आकर इस्लाम की खातिर लड़ने की दावत दी। हालांकि इस दौरान संगठन में टूट भी हुई। इससे अलग होने वाले धड़े और भी खतरनाक साबित हुये।
फौजी कार्रवाई का हुक्म
बोका हराम के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के इरादे से राष्टÑपति गुडलक जॉन्थन ने 14 मई 2013 को बोर्नो, योब और अडामावा में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। फौज को बोका हराम को नेस्तनाबूत करने का हुक्म दिया गया। इसके बाद इस क्षेत्र में पूरी तरह से जंग की स्थिति बन गई। आधुनिक हथियारों से लैस होकर बोका हराम के सदस्य भी नाइजीरियाई फौज से लोहा लेने के लिए मैदान में आ गये। 17 मई को नाइजीरियाई फौज द्वारा की गई भारी गोलाबारी में बोका हराम के 21 लोग हलाक हो गये। 21 मई को रक्षा मंत्रालय ने न्यू मार्टे, हौसारी, केरोना, वुल्गो और चिकुन पर पूरी तरह से काबिज होकर बोका हराम के आतंकी कैंपों को ध्वस्त करने का निर्देश जारी किया। इसके साथ ही यह घोषणा की गई कि बोका हराम की कमर टूट चुकी है। लेकिन 29 मई को बोका हराम के नेता अबुबकर शेखू ने एक वीडियो रिलीज करके यह दावा किया कि फौज को रोक दिया गया है और बोका हराम के लोग बड़ी बहादुरी से सेना का मुकाबला कर रहे हैं। इसके साथ ही उसने इराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सीरिया के जेहादियों से नाइजीरिया आकर इस संघर्ष में शिरकत करने की अपील भी की। छह जुलाई को एक बोर्डिंग स्कूल पर हमला करके बोका हराम ने 29 छात्रों की हत्या करके स्पष्ट कर दिया कि बदले की कार्रवाई करते हुये वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस बात की तस्दीक की है कि बोका हराम के संबंध कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा से हैं।
चौतरफा आलोचना
बोका हराम द्वारा लगातार की जा रही बर्बर कार्रवाइयों की चौतरफा आलोचना हो रही है। नाइजीरिया के स्टेट गवर्नर डाक्टर माउजू का कहना है कि इस्लाम धर्म शांति के लिए जाना जाता है। हिंसा और अपराध के लिए इसमें कोई जगह नहीं है। बोका हराम इस्लाम का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। नाइजीरिया के आध्यात्मिक इस्लामिक गुरु सादू अबूबकर ने इस संगठन को इस्लाम विरोधी करार देते हुये कहा है कि यह इस्लाम के नाम पर धब्बा है। नाइजीरिया के मुस्लिम धर्मगुरुओं के संगठन सीएमसीएन ने बोका हराम पर निशस्त्र करते हुये तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की है। इतना ही नहीं उत्तरी अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के इस्लामिक संगठनों ने भी इस संगठन की आलोचना करते हुये इसे गैर इस्लामिक करार दिया है।