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नेकी की मिसाल बनी 70 वर्षीया राधिका देवी, कोरोना महामारी में तीन घरों में करवाया सुरक्षित प्रसव

राजू बोहरा / तेवरऑनलाइन डॉटकॉम

कोरोना महामारी के भीषण प्रकोप में विवेक विहार दिल्ली की एम. टी. एन. एल. कॉलोनी में रहने वाली राधिका देवी उप्रेती ने अपनी कॉलोनी की तीन गर्भवती महिलाओं का घर पर ही सफतापूर्वक और सुरक्षित प्रसव करवा कर तीन स्वस्थ शिशुओं को जन्म दिलवाया और महिलाओं के साथ -साथ नवजात बच्चों को भी कोरोना जैसी गंभीर बीमारी और संकट से बचाकर मानवता की अनूठी मिसाल पेश की । एमटीएनएल कॉलोनी के मकान नंबर बी-33 में रहने वाली 70 वर्षीय बुज़ुर्ग राधिका देवी उप्रेती उत्तराखंड के ग्राम बिल्लेख, जिला अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। उन्होंने सन 1969 में 9 माह का मिडवाइफ़ का कोर्स (जच्चा -बच्चा सम्बन्धी) किया हुआ है। वे गांव में रहते हुए भी अनेक गर्भवती स्त्रियों की मुफ्त सहायता करती रही हैं।

धार्मिक और आध्यात्मिक राधिका उप्रेती अपने जीवन में जहां-जहां रही हैं सदा ही अपने कार्यों से समाज का हित करती रही हैं। अपने इस कार्य के लिए वे अपनी स्वर्गीय सास माधवी देवी व अपने पति पं.केवलानंद उप्रेती जी को देती हैं। परिवार के सभी सदस्यों के साथ-साथ वे अपने छोटे सुपुत्र दिनेश उप्रेती की भी प्रशंसा करती है, जो सदैव उनका उत्साहवर्धन करते रहते हैं।

उत्तराखंड सरकार की उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की अध्यक्ष दीप्ति रावत ने भी उनके इस महत्वपूर्ण सामाजिक योगदान हेतु राधिका उप्रेती की अपने ट्विटर अकाउंट पर भूरी-भूरी प्रशंसा की है। उनका कहना है कि इस महामारी के काल में जब बुजुर्गों को घर के अंदर रहने को कहा जाता है वहीं राधिका उप्रेती द्वारा अपने पास-पड़ोस और समाज के भविष्य को संवारने के लिए उठाया गया कदम बहुत ही सराहनीय है ।

इसी क्रम में भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत प्रतिष्ठित शिक्षाविद् डॉ.अशोक पांडेय, वरिष्ठ साहित्यकार-कथाकार डॉ.अरुण प्रकाश ढौंडियाल, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता और “कवितायन” संस्था के महासचिव कवि चंद्र शेखर आश्री, अंतरराष्ट्रीय संस्था “उद्भव” के महासचिव कवि डॉ.विवेक गौतम तथा सजग समाचार के संपादक वरिष्ठ पत्रकार शिव सचदेवा ने भी राधिका देवी उप्रेती को उनके स्वस्थ और सार्थक जीवन हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

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