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बक्सर के योगिया गांव में निर्दोषों पर एक साथ गरजीं थी 25-30 राइफलें

तेवरऑनलाईन, पटना

क्या बिहार एक बार फिर जातीय हिंसा की ओर कदम बढ़ा रहा है?  क्या बिहार में एक बार फिर सामंतवादी शक्तियां गोलबंद होकर खूनी खेल खेलने की फिराक में है ? और क्या इन तांवडकारी सामंतवादी शक्तियों को स्थानीय विधायक और सासंद का खुला समर्थन हासिल है ? जिस तरह से बक्सर जिला स्थित ब्रह्मपुर के योगिया गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम में संलग्न लोगों पर हथियारबंद अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया उससे तो यही लगता है कि बिहार में खूनी मानसिकता एक बार फिर लोगों के सिर पर सवार हो रहा है। जिस गांव में इस वारदार को अंजाम दिया गया उस गांव से सांसद अश्वनी चौबे की रिश्तेदारी भी है। इस वारदात में तकरीबन एक दर्जन से भी अधिक लोग घायल हुये हैं, इसके बावजूद स्थानीय सांसद अश्वनी चौबे ने वहां जाना मुनासिब नहीं समझा। इस घटना में हलाक हुये लोग पिछड़ी जाति है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस घटना को एक सोची समझी रणनीति के तहत अंजाम दिया गया है। यहां तक कि पुलिस के कुछ अधिकारियों की भी इसमें संलिप्तता बताई जा रही है। अपराधी अभी लोगों को धमका रहे हैं।

राष्ट्रीय जनता दल ने एक विशेष टीम गठित करके इस घटना की अपने तरीके से जांच किया है। घटनास्थल का दौरा करने के बाद राजद के प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव ने इसके लिए स्पष्टरूप से भाजपा को जिम्मेदार बताते हुये कहा है कि  भाजपा बिहार में जातीय एवं सांप्रदायिक तनाव को फैलाकर राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा कर रही है। इसका ताजा उदाहरण बक्सर जिला अंतर्गत ब्रह्मपुर के योगिया गांव में अपने धार्मिक रीतिरिवाज एवं परंपरागत पर्व की तैयारी के क्रम में सामंतियों द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग है जिसमें दो नौजवान हलाक हो गये और 13 घायल हुये। गंभीर रूप से तीन घायलों का इलाज पीएमसीएच, पटना में चल रहा है।

दिनांक 20.10.2014 को मुन्द्रिका सिंह यादव के नेतृत्व में 11 सदस्यीय जांच टीम घटनास्थल का दौरा कर लौटने के उपरांत संवाददातों को बताया कि योगिया गांव में पच्चीस-तीस राइफलों से लैस सामंतियों ने जलियांवाला बाग घटना की तर्ज पर अचानक सोहराय पर्व की तैयारी में जुटे नौजवानों पर गोलियां चलायी, जिससे दो  नौजवान 14 वर्षीय नीरज कुमार एवं 24 वर्षीय प्रदीप यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। 13 लोग घायल हो गये। महिलाओं के साथ मारपीट कर उनकी इज्जत आबरू से खिलवाड़ किया गया। वहीं प्रशासन पूरे घटना में मूकदर्शक बना रहा। प्रशासन चाहती तो ऐसी घटना को रोका जा सकता था। मुन्द्रिका सिंह यादव ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में ऐसी घटना निंदनीय ही नहीं शर्मनाक है। उन्होंने बताया कि योगिया गांव भाजपा के स्थानीय सांसद अश्वनी चौबे के समधियाना में उनके परिजनों द्वारा ऐसी बर्बरतापूर्ण घटना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भाजपा सांसद रामकृपाल यादव और नेता विरोधी दल नंदकिशोर यादव पर राज्य में जातीय और सांप्रदायिक तनाव को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी 2015 में एन-केन-प्रकारेण सत्ता हासिल करने के फिराक में भाजपा राज्य में दलित-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को भयभीत और प्रताड़ित कर राज्य सरकार को बदनाम करने का घिनौना खेल खेल रही है। पूर्व में कुरमुरी गांव में सामंतियों द्वारा दलित महिलाओं के सामूहिक बलात्कार, रोहतास के मोहनपुर में युवक को जिंदा जलाने की घटना के बाद योगिया में नरसंहार इसका प्रमाण है।

मुन्द्रिका सिंह यादव ने कहा कि लालू प्रसाद का राज गरीबों का राज था और गरीबों के राज को जंगल राज बताने वाले आज केवल सत्ता हथियाने के लिए राज्य भर में अराजकता फैलाकर सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रही है। यही कारण है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर और अमर शहीद जगदेव प्रसाद की गरीबों की धारा के विपरित सामंतियों का उत्पात और अत्याचार चरम पर है। घटनास्थल से लौटकर मुन्द्रिका सिंह यादव ने मारे गये लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रूपया मुआवजा और उनके परिजनों को सरकारी नौकरी, घायलों को दो-दो लाख रूपया मुआवजा, आरक्षी उपाधीक्षक, बक्सर रामकृष्ण गुप्ता, आरक्षी अवर निरिक्षक सर्वेश कुमार, अ0नि0 वीरेन्द्र तिवारी को तत्काल निलंबित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, सेवा से बर्खास्तगी, स्पीडी ट्रायल चलाकर मुकदमें की फौरी सुनवाई, अभियुक्तों की गिरफ्तारी, सभी पीडि़तों एवं परिजनों को आम्र्स लाइसेंस देने की मांग राज्य सरकार से की। शिष्टमंडल में मुन्द्रिका यादव के साथ पूर्व विधायक नंदकिशोर राम,  मनीष यादव प्रदेश प्रवक्ता, डा. अनवर आलम,  बबन यादव, सरफराज अहमद, गणपत मंडल, परशुराम ततवा सभी प्रदेश महासचिव, शेषनाथ यादव, जिलाध्यक्ष बक्सर, मधेश्वर कुशवाहा, चन्द्रमा पाल शामिल थे। इस संबंध में राजद का प्रतिनिधि मंडल माननीय मुख्यमंत्री से मिलेगा।

इस मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि सामंतवादी शक्तियों को उनके मनसूबों में कामयाब नहीं होना दिया जाएगा। उन्हें हर हालत में रोका जाएगा। बक्सर के सांसद अश्वनी चौबे का घटनास्थल पर नहीं पहुंचना शक पैदा करने वाला है। अपराधियों के साथ कहीं न कहीं इनकी भी मिली भगत है।

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