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बिहार खादी को बढ़ावा देगा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान

बिहार खादी बोर्ड का चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान से इकरारनामा
बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड और चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना के बीच खादी और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में मिलकर काम करने को लेकर सहमति हुई। इस आशय के मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर बिहार खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप कुमार और चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट पटना के निदेशक डॉ राणा सिंह ने हस्ताक्षर किए। प्रबंधन संस्थान में आयोजित इकरारनामा हस्ताक्षर समारोह में बिहार खादी, हैंडलूम और हस्तशिल्प की ब्रांड एंबेसडर प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर भी उपस्थित रही। कार्यक्रम में डॉ राणा सिंह ने कहा कि आधुनिक प्रबंधकीय कौशल का प्रयोग करके खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों को लोकल से ग्लोबल बनाना संभव है। पूरी दुनिया में शुद्ध और ऑर्गेनिक उत्पादों के प्रति रुझान बन रहा है और अगले कुछ दशकों में यह रुझान और बढ़ेगा। बड़े ब्रांड के उत्पादों को भी अपने मार्केट की खोज में गांव में जाना पड़ रहा है। मार्केटिंग, ब्रांडिंग और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में हुए सुधारों और नए प्रयोगों से गांव के प्रोडक्ट को पूरी दुनिया में भी कहीं पर भी पहुंचाना संभव हो गया है। बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के मूल्य खादी में निहित हैं। लेकिन समय के साथ खादी की गुणवत्ता और खादी से जुड़े फैशन में बदलाव आया है। इस क्षेत्र में नया मंत्र है- खादी फॉर मेशन खादी फॉर फैशन और खादी फॉर ट्रांसफॉरमेशन। बिहार खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए तथा पूरी दुनिया में पहुंचाने के लिए बोर्ड अपनी ओर से कार्य योजना बना रहा है। चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के तहत बोर्ड से जोड़ा गया है ताकि खादी ग्रामोद्योग के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाया जा सके। बोर्ड से जुड़े लोगों का प्रशिक्षण यहां कराया जाएगा। संस्थान को बोर्ड द्वारा प्रीमियम पार्टनर बनाया गया है।अब इस संस्थान को और संस्थान से जुड़े सभी लोगों को बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों पर 10% की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाएगी। इसके लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा की जाएगी। उन्होंने चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के बच्चों से कहा कि आप लोग उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ें। नए आइडिया के साथ स्टार्टअप बनाएं। डॉक्टर को गांवों से जोड़ें। भारत के गांव भारत के गांव सबसे उभरते हुए और सबसे बड़े बाजार हैं। ग्रामीण लोगों की समस्याओं को समझते हुए नवाचारों और नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए नए समाधान खोजे जाने की आवश्यकता है। लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने कहा कि बिहार खादी हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट से जोड़कर वह काफी खुश हैं। ग्रामीण बिहार के उत्पादों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। स्टार्टअप इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। धन्यवाद ज्ञापन देते हुए चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कुमोद कुमार ने कहा कि संस्थान ने नये आइडिया पर काम करता है। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से जुड़कर हम नवाचारों को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान के बच्चे सप्ताह में 1 दिन खादी का वस्त्र पहनेंगे। हॉस्टल में भी खादी के परदे और बेडशीट उपलब्ध कराए जाएंगे। संस्थान के किचन में ग्रामीण उत्पादकों द्वारा बनाए गए मसाले और दूसरे सामग्रियों का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संस्थान के बच्चों को इंटर्नशिप और ग्रामीण प्रशिक्षण के लिए बिहार खादी ग्रामोद्योग बोर्ड भेजा जाएगा।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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