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मुंगेर में 12 सूत्री मांगों को लेकर विशेष सर्वेक्षण कर्मी अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे

लालमोहन महाराज, मुंगेर । मुंगेर में अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर बिहार विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी धरना पर बैठे। राज्य भर के 20 जिलों में 12 सूत्री मांगों को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन आंदोलन के तहत मुंगेर में बिहार विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर जिले में कार्यरत विशेष सर्वेक्षण कर्मी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। धरना पर बैठे विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी “आधी रोटी आधा पेट,जीवन चढ़ गया संविदा के भेंट” तलवार चले या छुरी नहीं करेंगे खाना पूरी जैसे लिखे हुए स्लोगन वाले तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस अवसर पर विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों ने महिला कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, अशोक चौधरी संविदा कमेटी के संकल्प 12534 के अनुशंसा ओं को लागू करने, समकक्ष पद के प्रारंभिक स्तर का वेतन, महंगाई भत्ता, विशेष सर्वेक्षण में नियोजित विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो,विशेष सर्वेक्षण आमीन एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक पदों के लिए मानदेय अनु मान्य करने, प्रत्येक माह के अंतिम तिथि को मानदेय भुगतान सुनिश्चित करने, निदेशालय में योगदान की तिथि से जिला मुख्यालय में पदस्थापन तक का बकाया मानदेय, विगत 4 माह के बकाया मानदेय की राशि का शीघ्र भुगतान करने, राजस्व विभाग के ज्ञापांक 11088 दिनांक 27 10 2020 के कंडिका 13 के अनुसार सभी विशेष सर्वेक्षण में कार्यरत कर्मियों के द्वारा विभागीय कार्य के क्षेत्रीय भ्रमण हेतु उपयोग में लाए गए वाहन वाहन, अतिरिक्त शिविर कार्य, जिला स्तरीय बैठक एवं अन्य कार्य हेतु व्यय की गई राशि ,इंधन ,यात्रा भत्ता उपलब्ध कराने, सभी विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को विशेष सर्वेक्षण के ऑनलाइन कार्य हेतु इंटरनेट व्यय का भुगतान करने सहित कुल 12 सूत्री मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की । धरना प्रदर्शन कर रहे विशेष सर्वेक्षण कर्मियों का कहना था कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा । इस अवसर पर फरहान अजीम, आदित्य आनंद, गौतम ,राहुल पांडे ,प्रणीत गौरव ,ऋषिराज, पल्लवी सिंह, पूजा कुमारी, प्रियंका वर्मा, सीमा किरण सहित अन्य थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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