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मोहनदास को महात्मा बनाने का काम पंडित शुक्ल ने किया: अश्विनी चौबे

  • पं राजकुमार शुक्ल को मिले भारत रत्न
  • कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष सह लोजपा रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने की।
  • आजादी के अमृत काल में पंडित शुक्ल की धरती को नमन करेगा देश : नित्यानंद राय
  •  पंडित शुक्ल के त्याग निष्ठा और समर्पण से स्वाधीनता संग्राम को मिली गति- मिथिलेश तिवारी
  • विशिष्ट अवदान को लेकर चार क्षेत्रों में पंडित राजकुमार शुक्ल शिखर सम्मान से हुए सम्मानित
  • आजादी के अमृत काल के अवसर पर पटना के स्थानीय विद्यापति भवन सभागार में आयोजित चम्पारण सत्याग्रह के प्रणेता पंडित

पटना। राजकुमार शुक्ल की 48 वीं जयन्ती कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व विधायक मिथलेश तिवारी और लोजपा रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से की।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है। आजादी के अमृत काल के अवसर पर उन विभूतियों के गांव में उनके पवित्र माटी को नमन करूंगा। श्री राय ने पंडित शुक्ल की पावन धरती पर जाकर पवित्र माटी को दिल्ली ले जाने और उसे अमृत वन में स्थापित करने की बात कही । श्री राय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का भारत जिसे उन्होंने 2047 में विकसित देश के रूप में स्थापित करने का प्रण
किया है उसे पूरा किया जाएगा। आजादी की लड़ाई में पंडित शुक्ल की अहम भूमिका त्याग और बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र सदैव याद रखेगा।उनके आजादी में किये गए संघर्ष को देखते हुए संस्थान की भारत रत्न की मांग पर सरकार विचार करेगी।


श्री राय ने आजादी के बाद देश के विभाजन पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की और कहा कि देश की आजादी में मर मिटने वालों ने यह सपना नहीं देखा था। देश का विभाजन दुर्भाग्यपूर्ण था।

उक्त अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के लिए जिसने अपना सर्वस्व निछावर किया है उसे आजादी के अमृत काल के अवसर पर सम्मान देना देश का सम्मान होगा। पंडित शुक्ल ने आजादी की लड़ाई को चम्पारण सत्याग्रह से गति दी। पंडित शुक्ल ने गाधी को चपारण लाकर किसानों को ब्रिटिश हुकूमत के दमन से मुक्ति दिलाने का काम किया। आजादी की लड़ाई की खातिर जिसने अपना सर्वस्व मां भारती की बली बेदी पर आहूत कर दिया। कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें सदैव सम्मान से याद करेगा।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी ने अपने संबोधन में पंडित राजकुमार शुक्ल के कृतित्व और व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि गांधी और शुक्ल दोनों एक सिक्के के पहलू है। गांधी और शुक्ल को अलग-अलग देखने की आवश्यकता नहीं है । पंडित शुक्ल बिहार के गौरव पुरुष है जिन पर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देशवासियों को नाज है। जिस तीन कठिया पद्धति के विरुद्ध उन्होंने शंखनाद किया उसे गांधी का नेतृत्व मिला कर देश की स्वाधीनता संग्राम की दिशा और दशा तय की जिसे कतई भुलाया नहीं जा सकता। पंडित शुक्ल को आजादी के अमृत काल के अवसर पर उन्हें उनका हक और सम्मान के लिए आगे बढ़ेगा। उक्त अवसर पर चार विशिष्ट क्षेत्रों में पंडित राजकुमार शुक्ल शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया। सामाजिक कार्य के लिए चर्चित समाजसेवी मिथिलेश कुमार राय, पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए बृजमोहन पांडे, कला के क्षेत्र में आकाशवाणी और दूरदर्शन पटना के केंद्र निदेशक राजकुमार नाहर और साहित्य के क्षेत्र में प्रख्यात लेखक भैरव लाल दास जी को पंडित राजकुमार शुक्ल साहित्य शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया ।


कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष सह लोजपा रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने की। उक्त अवसर पर श्री भट्ट ने कहा कि आजादी के अमृत कल के अवसर पर पिछली सरकारों के मूल को सुधारा जा सकता है। पंडित शुक्ला ने जज्बे के साथ देश की आजादी के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े कृषक आंदोलन को गांधी के नेतृत्व में लाकर गांधी को महात्मा बनाया और उन्हें राष्ट्रीय राजनीति फलक पर स्थापित करने का कार्य किया। उसे इतिहासकारों ने भुला दिया। चंपारण सत्याग्रह के पश्चात बापू राष्ट्रीय फलक पर स्थापित हो गए और पंडित शुक्ल गुमनामी के अंधेरों में खो गए। आज उनकी जन्म जयंती पर सकल्प लेने का दिन है कि उनके उक्त कुर्बानी को आजादी के अमृत कल के अवसर पर सम्मान में परिणत हो सके जिससे उनके त्याग तपस्या और बलिदान से भावी पीढ़ी भी अवगत हो सके। कार्यक्रम की शुरूआत शिवानीभट्ट के स्वागत गीत से हुई जबकि मंच संचालन चंद्रशेखर आजाद और इंदु उपाध्याय ने संयुक्त रूप से की। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार ने की।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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