पहला पन्ना

राम के आंगन में पसर रही है लंकाई संस्कृति,भू- माफियाओं की भूख में गायब हो रहे हैं रामनगरी के गांव

ओम प्रकाश सिंह, अयोध्या

विकसित हो रही रामनगरी की चमक से अयोध्या जनपद के गांवों की लालटेनें बुझ रही हैं। भू-माफियाओं की भूख में गांव के गांव अभिलेखों से गायब हो रहे हैं। जमीनों की बढ़ती कीमतों की चकाचौंध ने राम के आंगन में लंकाई संस्कृति को जन्म दे दिया है। जमीनी मामलों से बढ़ रहे अपराधों ने पुलिस के सामने दोहरी चुनौती पेश कर दिया है।

रामजन्मभूमि परिसर का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आते ही लक्ष्मी के पुजारियों की निगाहें रामनगरी पर गड़ गई थीं। व्यापारिक गतिविधियों के लिए जमीनों की आवश्यकता से भूमाफियाओं के काकस का जन्म हुआ। इस काकस में सफेदपोश, बड़े अधिकारी, नजूल तहसील के कारिंदे, भ्रष्ट तरीकों से अर्जित पूंजी के कुबेर शामिल हैं। रामनगरी की शहरी पावन भूमि जिस तरह बेची, लूटी गई वह जगजाहिर है। अयोध्या सांसद ने तो बकायदा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एसआईटी जांच की मांग कर डाली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दौरे में एक भाजपाई जनप्रतिनिधि पर जमीन खरीद फरोख्त का इल्जाम भी धर दिया था लेकिन भू माफियाओं के खिलाफ कारवाई की सारी कवायद हवा हवाई रह गई। भाजपा के एक नेता ने तो प्रधानमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत जड़ दी, वह भी खानापूर्ति बन गई।

शहरी इलाकों की जमीनों का रस लेने के बाद भू माफियाओं ने भूख मिटाने के लिए गांवों को निगलना शुरू कर दिया है। दो तीन लाख बीघा बिकने वाली जमीनों की कीमत अस्सी लाख से ऊपर तक हो गई हैं। पैसे की चमक में खोकर किसान जमीन बेच भूमिहीन हो रहे हैं। जमीनों की खरीद फरोख्त ने राम के आंगन में लंकाई संस्कृति को जन्म दे दिया है। बलात कब्जा करना, जबरन जमीनों को लिखाना, ज्यादा भाव लगाकर कम देना, अभिलेखों में हेराफेरी, नजूल, ग्राम समाज,तालाबों की जमीनों का भी बैनामा सरकारी कृपा से फलित हो रहा है।
लंकाई संस्कृति की बानगी देखिए रामजन्म भूमि ट्रस्ट के लिए खरीदी गई जमीन चंद दिनों में करोड़ो की हो जाती है। साठ लाख में हुए जमीन के एक सौदे में विक्रेता इक्कीस लाख नकद लेकर रजिस्ट्री आफिस से बिना बैनामा फरार हो जाता है। रौनाही थाने में एफआईआर दर्ज है। पूराकलंदर थानाक्षेत्र में एक जमीन के सौदे में पैसा लेने के बाद विक्रेता परिवार की तरफ से क्रेता के खिलाफ ही एक सदस्य के अपहरण की सूचना पुलिस को दी गई है। रौनाही थाना क्षेत्र के एक मामले में वकीलों ने थानाध्यक्ष व सीओ को सस्पेंड करने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ दिया है। फायरिंग, मारपीट की घटनाएं अक्सर मीडिया की सुर्खियां बनती हैं। राजस्व के इन मामलों में पुलिस के लिए दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। एक तरफ भू माफियाओं के काकस का दबाव है तो दूसरी तरफ कानून का पालन करने की प्रतिज्ञा।

गावों के लुप्त होने का हाल यह है कि पांच साल पहले गठित नगर निगम अयोध्या को अपना सीमा विस्तार करना पड़ गया। मंदिर के चलते विकसित होती रामनगरी व शहरीकरण की संस्कृति में इकतालीस गांव विलीन होकर नगरनिगम का हिस्सा बन गए। अयोध्या के विकास का जो खाका खींचा गया है उसमें एक रिंगरोड प्रस्तावित है, इसके लिए शासन जमीनों की खरीद फरोख्त कर रहू है। इस रिंग रोड के बनने से सैंकडों गांव अपना स्वरूप खोकर कंक्रीट के जंगल बन जाएंगे। रिंग रोड की घोषणा होते ही भू माफियाओं ने सरकार से पहले ही जमीनों की खरीद फरोख्त शुरू कर दिया है। काली कमाई के ग्राहकों को बैनामा करने के लिए कम दाम पर एंग्रीमेंट हो रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो यह कथन बदल जाएगा कि भारत गांवों का देश है।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button